Chhindwara News: उपस्वास्थ्य केन्द्र... बाउंड्रीवॉल की जगह लगा दी फेंसिंग, नलकूप खनन भी नहीं किया
- गांगीवाड़ा उपस्वास्थ्य केन्द्र का मामला
- स्थानीय लोगों ने जताया विरोध
- लगई फेंसिंग
Chhindwara News: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत ग्रामीण अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने उपस्वास्थ्य केन्द्र के नए भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। गांगीवाड़ा के नवनिर्मित उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन में बाउंड्रीवॉल के स्थान पर फेंसिंग लगा दी गई। मरीज व स्टाफ के पेयजल के लिए नलकूप खनन किया जाना था, वह भी नहीं कराया गया। इन अधूरे कार्यों के बावजूद दो माह पूर्व स्वास्थ्य विभाग ने भवन हैंडओवर ले लिया है। अब स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि गांगीवाड़ा में उपस्वास्थ्य केन्द्र भवन के लिए लगभग ५० लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति थी। ठेकेदार द्वारा भवन निर्माण के साथ सीएचओ आवास बनाना था। भवन निर्माण में सेनेटरी फिटिंग, विद्युतीकरण, नलकूप योजना और बाउंड्रीवॉल भी शामिल था। गांगीवाड़ा में अस्पताल भवन तो तैयार कर दिया गया, लेकिन आसपास बाउंड्रीवॉल के स्थान पर तारों की फेंसिंग कर दी गई है। पानी की व्यवस्था के लिए नलकूप तक नहीं कराया गया। इन अव्यवस्थाओं के बावजूद स्वास्थ्य केन्द्र शुरू कर दिया गया है।
मरीजों के लिए पीने का पानी तक नहीं
सरपंच संगीता परतेती ने बताया कि गांगीवाड़ा की जनसंख्या पांच हजार है। प्राथमिक इलाज के लिए इसी स्वास्थ्य केन्द्र पर आश्रित है। उपस्वास्थ्य केन्द्र के आसपास खेत है। बाउंड्रीवॉल न होने से यहां जहरीले जीवों का खतरा है, भविष्य में बड़ा हादसा हो सकता है। इसी के साथ स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों के लिए पीने का पानी तक नहीं है। भाजयुमो ग्रामीण मंडल उपाध्यक्ष प्रवीण साहू द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की गई है।
बाउंड्रीवॉल के लिए बनाया प्रस्ताव
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के इंजीनियर रंजन कैथवास का कहना है कि इस्टीमेट में स्वास्थ्य केन्द्र के आसपास ६० मीटर बाउंड्रीवॉल बनाना था, लेकिन यहां १७० मीटर बाउंड्रीवॉल की जरुरत है। अतिरिक्त निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। बोरवेल की जगह अब नलजल योजना के तहत कनेक्शन लिया जाएगा। इन दोनों ही कार्य का भुगतान ठेकेदार को नहीं किया गया है।
क्या कहते हैं अधिकारी
एनएचएम से कार्य कम्पलीट बताया गया था, तभी बिल्डिंग हैंडओवर ली गई। बाउंड्रीवॉल और बोरवेल के लिए कहा गया है। नए नियम के तहत यहां व्यवस्था बनाई जा रही है।
डॉ.पुष्पारानी सिंह, बीएमओ, पिण्डरईकला
Created On :   5 Dec 2024 11:07 AM IST