शहडोल: रपटा के ऊपर पानी आते ही बंद हो जाता है बांधवगढ़ मार्ग
- ग्राम मेढक़ी के पास बना रपटा अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है
- विभाग उदासीन बना हुआ है
- निर्माण जल्द कराकर रोड को आवागमन लायक बनाया जाए
डिजिटल डेस्क, शहडोल। शहडोल-उमरिया सीमा के बीच मुडऩा नदी पर ग्राम मेढक़ी के पास बना रपटा अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। बरसात में रपटा के ऊपर पानी आते ही उमरिया जिले में स्थित नेशनल पार्क बांधवगढ़ का मार्ग बंद हो जाता है। शहडोल-मानपुर के इस मार्ग का काम पूरा हो जाने के बाद पुल निर्माण को लेकर संबंधित विभाग उदासीन बना हुआ है।
करीब आठ साल बाद भी पुल को सडक़ से जोड़ा नहीं गया है। जिसके कारण जर्जर रपटा से ही लोगों को आना-जाना होता है, जो किसी खतरे से खाली नहीं है। रपटा के बीच में जगह-जगह गड्ढे बन चुके हैं। जिनमें बरसाती पानी भरा रहता है। बारिश के दिनों में यह रपटा अक्सर पानी में डूब जाता है। वर्तमान में नदी का पानी रपटा को छूकर बह रहा है। रपटा में रेलिंग न होने के कारण नदी में गिरने का अंदेशा बना रहता है।
जानलेवा हो सकती है ठेकेदार की लेटलतीफी
शहडोल जिले की सीमा को जोडऩे मुडऩा के पुल के निर्माण में ठेकेदार द्वारा बरती जा रही लेटलतीफी जान लेवा साबित हो सकती है। शहडोल की ओर से सडक़ को पुल से जोडऩे के लिए काम कराया जा रहा है जो महीनों बाद अधूरा पड़ा है। वहीं उमरिया जिले के मेढक़ी ग्राम की ओर का काम शुरु नहीं कराया गया है। पैदल चलने वाले अधूरे पुल से होकर आते जाते हैं। मांग की जा रही है कि निर्माण जल्द कराकर रोड को आवागमन लायक बनाया जाए।
Created On :   11 Aug 2024 6:57 PM IST