मध्यप्रदेश: विशेष पिछड़ी जनजाति के लिये बेहतर बन रहे प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्र
- आंगनवाड़ी केन्द्रों की व्यवस्थाएं बेहतर करने पर हो रहा निरंतर प्रयास
- प्रदेश में 21 हजार 534 केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं स्थापित की गई
- सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में उन्नयन का लाभ मिला है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की व्यवस्थाएं बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रयास हो रहे हैं। प्रदेश में सहरिया, बैगा और भारिया विशेष पिछड़ी जनजातियां निवास करती हैं। इन क्षेत्रों के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों की डिजाइन को केन्द्र सरकार ने सर्वश्रेष्ठ माना है। मध्यप्रदेश में केन्द्र सरकार के मापदंडों के अनुरूप पीएम-जनमन के अंतर्गत प्रत्येक 100 विशेष पिछड़ी जनजाति आबादी पर एक आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जाएगा। केन्द्र सरकार ने इस वर्ष मध्यप्रदेश के लिए इस चालू वर्ष में 355 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। जबकि बीते साल 194 नए आंगनवाड़ी केन्द्र की मंजूरी केन्द्र ने दी थी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आंगनवाड़ी केन्द्रों को अधिक उपयोगी और सक्षम बनाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने आंगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन की जानकारी प्राप्त करते हुए जनसहयोग से नवाचार करने के निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने कहा है कि आंगनवाड़ी केन्द्र न सिर्फ बच्चों के पोषण और प्रारंभिक शिक्षा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण और परिवारों की भलाई के लिये भी अहम है। प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्रों की सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। इससे बच्चों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।
मध्यप्रदेश में कुल 97 हजार 329 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें 12 हजार 670 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं। इनमें से 79 हजार 910 भवनों में विद्युत सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। प्रदेश में 8 हजार 692 भवनों में विद्युत सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य प्रगति पर है। शेष 8 हजार 727 केन्द्रों में भी यह सुविधा आगामी वित्त वर्ष में उपलब्ध करवाई जाएगी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 199.94 करोड़ की राशि से 1782 नए आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। जिन केन्द्रों में बाउंड्रीवॉल है वहां पोषण वाटिका स्थापित की जा रही हैं। प्रदेश में 21 हजार 534 केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं स्थापित की गई हैं।
प्रदेश में 51 हजार 63 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में चल रहे हैं। अन्य शासकीय भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या 20 हजार 727 और किराए के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की संख्या 25 हजार 539 है। वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन)के अंतर्गत प्रदेश में 194 नए आंगनवाड़ी केन्द्र खुले हैं।
केन्द्र सरकार से मिल रहा है भरपूर सहयोग
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र के लिए जनसंख्या मापदंड निर्धारित किए हैं। इसके अनुसार आदिवासी क्षेत्र/परियोजना में 300 से 800 की जनसंख्या पर 01 आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने का प्रावधान है। ग्रामीण एवं शहरी परियोजना में 400 से 800 की जनसंख्या पर 01 आगंनवाड़ी केन्द्र एवं तत्पश्चात प्रत्येक 800 के गुणांक पर 01 आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने का प्रावधान है।
इसी प्रकार पीएम जनमन के अंतर्गत कुल 549 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 572 भवन निर्माण की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई है। पीएम-जनमन के अंतर्गत भवननिर्माण के लिए 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। प्रति भवन 12 लाख रूपए की राशि के मान से मध्यप्रदेश के लिए 68.64 करोड़ रूपए राशि का प्रावधान किया गया है।
सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्र
आंगनवाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण का कार्य निरंतर चल रहा है। विद्युत सुविधा के साथ ही जन सहयोग से अन्य सुविधाएं भी केन्द्रों में उपलब्ध करवाई जा रही हैं। प्रदेश में गत दो वित्त वर्ष में कुल 11 हजार 706 आंगनवाड़ी केन्द्रों को सक्षम आंगनवाड़ी केन्द्र के रूप में उन्नयन का लाभ मिला है।
Created On :   16 Oct 2024 5:52 PM IST