जय शाह ही क्यों?: एक नहीं इन पांच उपलब्धियों के चलते जय शाह को मिला ICC अध्यक्ष बनने का मौका, 11 साल बाद टीम इंडिया ने जीते ये बड़े खिताब
- जय शाह चुने गए आईसीसी के नए चेयरमैन
- दो बार नियुक्त किए गए बीसीसीआई के सचिव के रूप में
- आईसीसी खिताब जिताने का सपना किया पूरा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह को निर्विरोध आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) के चेयरमैन पद के लिए चुना गया है। बीते मंगलवार को चेयरमैन की कुर्सी के लिए हुए चुनाव में जय शाह बिना किसी विरोध के पूर्ण बहुमत के साथ जीते। बता दें, आईसीसी के इतिहास में जय शाह सबसे युवा चेयरमैन होंगे। महज 35 वर्ष की आयु में शाह को आईसीसी का चेयरमैन चुना गया है।
जय शाह का अब तक का करियर
जय शाह की क्रिकेट प्रशासन में एंट्री की बात करें तो, शाह की औपचारिक एंट्री साल 2009 में हुई थी। उस समय वह केंद्रीय क्रिकेट बोर्ड अहमदाबाद (सीबीसीए) के साथ जिला स्तर पर काम करते थे। इसके बाद शाह गुजरात क्रिकेट संघ के (जीसीए) के कार्यकारी के रूप में राज्य स्तर के एडमिनीस्ट्रेशन को संभालने लगे जिसके बाद 2013 में उन्हें जीसीए का संयुक्त सचिव बनाया गया।
जीसीए में दो साल देने के बाद शाह को साल 2015 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की वित्त और विपणन समिति का सदस्य बनाया गया। सितंबर 2019 में उन्होंने जीसीए के संयुक्त सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। अगले महीने यानी अक्टूबर 2019 में उन्हें बीसीसीआई के सचिव के रूप में चुना गया। बता दें, वहां भी शाह पांच पदाधिकारियों में सबसे कम उम्र के थे। पहली बार बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल पूरा होने के बाद अक्टूबर 2022 में शाह को फिर से बीसीसीआई के सचिव के रूप में चुना गया।
जानकारी के लिए बता दें, जय शाह को जनवरी 2021 में एशियन क्रिकेट काउंसिल का प्रेसिडेंट भी चुना गया था। इसी साल जनवरी में उनका प्रेसिडेंट पद का कार्यकाल पूरा हुआ जिसके बाद दुबारा उन्हें इस पद के लिए चुना गया है।
इसी के साथ-साथ शाह को दिसंबर 2019 में बीसीसीआई ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की भावी सीईसी बैठकों के लिए अपने प्रतिनिधि के रूप में चुना था। जय शाह को अप्रैल 2022 में आईसीसी बोर्ड सदस्य प्रतिनिधि के रूप में भी नियुक्त किया गया और नवंबर 2022 में शाह को बोर्ड की बैठक में आईसीसी की सभी शक्तिशाली वित्त और वाणिज्यिक मामलों (एफएंडसीए) समिति के प्रमुख के रूप में चुना गया था।
शाह ने आईसीसी ओलंपिक वर्किंग ग्रुप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने 2028 ओलंपिक में क्रिकेट की भागीदारी को सुनिश्चित किया था।
पूरा किया आईसीसी खिताब जिताने का सपना
जय शाह के उपलब्धियों की बात की जाए तो साल 2013 के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम ने कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाई थी। लेकिन शाह के कार्यकाल में रोहित शर्मा की कप्तानी वाली एक मजबूत टीम ना केवल टी-20 वर्ल्ड कप 2024 में चैंपियन बनी साथ ही वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल्स तक का सफर भी तय किया था। भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा ने इस साल हुए टी-20 विश्व कप में जीत के बाद अपने '3 स्तंभ' के बारे में बताते हुए उनका शुक्रिया भी किया था। इन '3 स्तंभ' में उन्होंने अजीत अगरकर और राहुल द्रविड़ के साथ साथ जय शाह का भी नाम जोड़ा था।
कोरोनाकाल में क्रिकेट को संभाला
जय शाह के बीसीसीआई के सचिव के रूप में 5 सालों के कार्यकाल में से सबसे चुनौतिपूर्ण 2 साल रहे, जब कोविड-19 ने दुनिया में दस्तक दी थी। कोरोना काल में दुनियाभर में सब कुछ ठप पड़ गया था। उस समय भी जय शाह ने क्रिकेट को संभाला था। उस दौरान भी उन्होंने आईपीएल का आयोजन करवाया। आईपीएल के आयोजन के दौरान बायो-बबल के निर्माण की देखरेख करना। उन बबल के भीतर मेडिकल टीम बनाकर पॉजिटिव मामलों को संभालना और टूर्नामेंटों का पूर्ण आयोजन सुनिश्चित करना उन बाधाओं में शामिल था जिन्हें उन्होंने बखूबी पार किया था।
करते हैं महिला खिलाड़ियों का सम्मान
शाह के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि महिला प्रीमीयर लीग की शुरुआत है। शाह की देखरेख में विमेंस प्रिमीयर लीग के लगातार दो सफल सीजन का आयोजन हुआ साथ ही उन्होंने महिलाओं को समान मैच फीस (टेस्ट 15 लाख, प्रति वनडे 8 लाख और प्रति टी-20 मैच में 4 लाख रुपये) देने का फैसला किया था।
टेस्ट क्रिकेट को दिया प्रोत्साहन
जय शाह ने अपने कार्यकाल में टेस्ट क्रिकेट को काफी प्रोतसाहन दिया है। बता दें, भारत इस साल 10 टेस्ट मैच खेलेगा। अगर इन 10 टेस्ट मैचों में रोहित शर्मा के साथ विराट कोहली सारी मैचों में हिस्सा लेते हैं तो उन्हें प्रती मैच 60 लाख रुपये (टोटल 6 करोड़ रुपये, जिसमें 45 लाख रुपये प्रोत्साहन राशी शामिल होंगी) मैच फीस के तौर पर दी जाएगी।
जरूरत पड़ने पर सजा भी देते हैं खिलाड़ियों को
इसी के साथ-साथ शाह ने कई खिलाड़ियों को जरूरत पड़ने पर सजा भी दी है। इनमें दो युवा खिलाड़ियों का नाम शुमार हैं जिन्हें माना जाता था कि वे घरेलू मैचों को नजरअंदाज करके आईपीएल में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इनमें घातक बल्लेबाज ईशान किशन और श्रेयस अय्यर शामिल हैं। इसी के साथ शाह ने एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) का निर्माण भी करवाया है।
Created On :   28 Aug 2024 5:13 PM IST