एक बार फिर चोकर्स साबित हुई साउथ अफ्रीका, इन गलतियों के चलते वर्ल्ड कप फाइनल्स में पहुंचने से बार बार चूक जाती है साउथ अफ्रीका, सात बार टूट चुका है सपना

South Africa proved to be chokers once again,
एक बार फिर चोकर्स साबित हुई साउथ अफ्रीका, इन गलतियों के चलते वर्ल्ड कप फाइनल्स में पहुंचने से बार बार चूक जाती है साउथ अफ्रीका, सात बार टूट चुका है सपना
हारने का इतिहास एक बार फिर चोकर्स साबित हुई साउथ अफ्रीका, इन गलतियों के चलते वर्ल्ड कप फाइनल्स में पहुंचने से बार बार चूक जाती है साउथ अफ्रीका, सात बार टूट चुका है सपना
हाईलाइट
  • साउथ अफ्रीकी टीम पांच बार वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में हार चुकी है

डिजिटल डेस्क, नई दि्ल्ली। ऑस्ट्रेलिया में खेले जा रहा टी-20 वर्ल्ड कप अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। सुपर-12 राउंड के अंतिम दिन सभी सेमीफाइनलिस्ट टीमों का फैसला हुआ। लेकिन हमेशा की तरह इस वर्ल्ड कप में भी साउथ अफ्रीकी टीम ने अहम मुकाबले में हारकर अपने चोकर्स का टैग बरकारार रखा। पूरे टूर्नामेंट में शानदार क्रिकेट खेलने वाली साउथ अफ्रीका को सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की करने के लिए अपने अंतिम लीग मुकाबले में नीदरलैंड्स को हराना था। लेकिन हमेशा की तरह एक बार फिर साउथ अफ्रीका के साथ उलटफेर हो गया और नीदरलैंड्स के हाथों 13 रनों से हारकर टीम वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। आइए जानते हैं साउथ अफ्रीकी टीम किन-किन मौकों पर चोकर्स साबित हुई- 

1992 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल 

साउथ अफ्रीकी टीम के चोकर्स बनने की शुरुआत साल 1992 के वनडे वर्ल्ड कप से हुई। बैन के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी करने के बाद साउथ अफ्रीकी टीम अपना पहला वर्ल्ड कप खेल रही थी। टीम इस वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल तक पहुंच चुकी थी। सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड टीम ने साउथ अफ्रीका के सामने 252 रनों का लक्ष्य रखा। साउथ अफ्रीकी टीम ने लक्ष्य का शानदार ढंग से पीछा किया, अंतिम 13 गेंदों पर उन्हें जीत के लिए 22 रनों की जरुरत थी। लेकिन बारिश की वजह से मैच रोकना पड़ा और उस समय से रेन रुल्स के तहत साउथ अफ्रीका को अंतिम गेंद पर 22 रनों का लक्ष्य मिला जो नामुनकिम था। टीम मुकाबले को 21 रनों से हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। 

बारिश की वजह से साउथ अफ्रीका को 1 बॉल में 22 रन का टारगेट मिला।

1996 वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल 

1996 का वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। टीम ने लीग स्टेज में इंग्लैंड, पाकिस्तान और न्यूजीलैंड जैसी बड़ी टीमों को हराकर पांच जीत के साथ टेबल टॉप किया था। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका के सामने अब तक आउट ऑफ फॉर्म रही वेस्ट इंडीज की चुनौती थी। इस मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 264 रनों का लक्ष्य मिला लेकिन टीम महज 245 रन बनाकर ढेर हो गई और वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। 

वेस्टइंडीज ने साउथ अफ्रीका को सेमीफाइनल में ऑल आउट कर दिया था।

1999 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल 

1999 के वर्ल्ड कप में भी साउथ अफ्रीकी टीम जबर्दस्त फॉर्म में थी और टीम वर्ल्ड कप जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी। ग्रुप स्टेज के अंतिम मुकाबले में साउथ अफ्रीका के सामने ऑस्ट्रेलिया की चुनौती थी।सेमीफाइनल में जगह बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया को यह मुकाबला जीतना ही था। इस अहम मुकाबले में साउथ अफ्रीकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 271 रनों का लक्ष्य दिया। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने महज 48 रनों पर अपने 3 विकेट गवां दिए थे। स्टीव वॉ और रिकी पॉन्टिंग की जोड़ी मैदान पर थी तभी लांस क्लूजनर की गेंद पर स्टीव वॉ ने फ्लिक खेलने की कोशिश में हर्शल गिब्स के हाथों कैच थमा बैठे। लेकिन सेलिब्रेट करने के उत्साह में गिब्स के हाथों से गेंद फिसल गई और स्टीव वॉ को नॉट आउट करार दिया गया। इस घटना के बाद स्टीव वॉ ने गिब्स के पास जाकर कहा कि "बेटा, तुमने अभी-अभी कैच नहीं वर्ल्ड कप छोड़ दिया है।" इसके बाद वॉ ने 120 रनों की पारी खेल ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाकर सेमीफाइनल में पहुंचाया। इस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच मुकाबला हुआ। यह सेमीफाइनल मुकाबला रोमांचक ढंग से टाई पर खत्म हुआ, ग्रुप स्टेज में ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका को मात दी थी इसलिए सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को विजेता घोषित किया गया। 

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2009 टी-20 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल 

टी-20 वर्ल्ड कप के दूसरे संस्करण में साउथ अफ्रीकी टीम ने शानदार शुरुआत की थी और टीम वर्ल्ड कप जीतने की प्रबल दावेदार भी मानी जा रही थी। साउथ अफ्रीका ने ग्रुप स्टेज के सभी मुकाबलो में जीत हासिल कर सेमीफाइनल मे जगह बनाई। लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में एक बार फिर टीम चोक कर गई। पाकिस्तान के खिलाफ 151 रनों का पीछा करते हुए टीम 142 ही बना सकी और वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। 

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2011 वर्ल्ड कप क्वार्टर फाइनल 

भारतीय टीम की मेजबानी में खेले गए इस वर्ल्ड में भी साउथ अफ्रीकी टीम जबर्दस्त फॉर्म में नजर आ रही थी। टीम ने 6 में से 5 मैचों में जीत हासिल कर अपने ग्रुप में टॉप किया। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका के सामने न्यूजीलैंड की टीम थी। साउथ अफ्रीकी टीम ने इस मुकाबले में अपने अच्छे फॉर्म का जारी रखते हुए न्यूजीलैंड को महज 221 रनों पर रोक दिया। छोटे टोटल का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका ने शुरुआती 24 ओवरों में महज 2 विकेट गवांकर 108 रन बना चुकी थी। एबी डिविलियर्स और जैक कैलिस क्रीज पर बने हुए थे। लेकिन अगले 64 रनों के भीतर टीम ने 8 विकेट गवांकर 172 रनों पर ढेर हो गई और मुकाबला हारकर वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। 

2011 वनडे वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के 8 विकेट 64 रन के अंदर गिरे और वो मुकाबला हार गई।

2014 टी-20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल 

2014 में खेले गए टी-20 वर्ल्ड कप में भी साउथ अफ्रीकी टीम ने ग्रुप स्टेज में शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरे स्थान पर रही थी। लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम के हाथों करारी हार ने एक बार उनके वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने के सपने को तोड़ दिया। इस मुकाबले में भी साउथ अफ्रीका ने भारत को 173 रनों का बड़ा टारगेट दिया था। लेकिन विराट कोहली की शानदार पारी की बदौलत भारत ने 6 विकेटों से यह मुकाबला अपने नाम किया। 

विराट कोहली ने 2014 वर्ल्ड कप सेमिफाइनल में 72 रन की नाबीद पारी खेली।

2015 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल 

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की मेजबानी में खेले गए इस वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीकी टीम ने कमाल का प्रदर्शन दिखाते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। न्यूजीलैंड के खिलाफ इस सेमीफाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका ने 43 ओवरों में 298 रनों का बड़ा टोटल हासिल किया था। लेकिन खराब फिल्डिंग की वजह से साउथ अफ्रीका इस मुकाबले में अंतिम ओवर में करारी हार मिली। 

आखिरी ओवर के पहले ही साउथ अफ्रीका ने एलियट का कैच छोड़ा था। उन्होंने ही आखिरी ओवर में अपनी टीम को जीत दिलाई।

 

Created On :   7 Nov 2022 3:57 PM IST

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