'डांसर' बनना चाहती थी मिताली, पिता के फैसले से कर रहीं क्रिकेट पर 'राज'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडियन वुमंस क्रिकेट टीम की कैप्टन मिताली राज ने रविवार को अपना 35वां बर्थडे सेलिब्रेट किया। 3 दिसंबर 1982 को राजस्थान के जोधपुर में जन्मीं मिताली राज एक तमिल फैमिली से बिलॉन्ग करती हैं। मिताली बचपन से ही एक डांसर बनना चाहती थीं, लेकिन बाद में उन्होंने क्रिकेट को अपना करियर बनाया। वुमंस क्रिकेट में मिताली टॉप बैट्समैन में से एक हैं और उन्होंने कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं, जो मेंस टीम भी नहीं बना सकी। उनके बर्थडे के मौके पर हम आपको मिताली की लाइफ से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आपने शायद ही कभी सुना हो।
क्लासिकल डांसर बनना चाहती थी मिताली
एक इंटरव्यू के दौरान मिताली ने इस बात का जिक्र किया था कि वो एक क्लासिकल डांसर बनना चाहती थीं। उन्होंने बताया था कि तमिल फैमिली में जन्म लेने के कारण बचपन से ही क्लासिकल डांस सीखना शुरू कर दिया था। मिताली ने 10 साल की उम्र तक भरतनाट्यम की ट्रेनिंग ली, लेकिन बाद में उन्होंने क्रिकेट की कोचिंग लेना स्टार्ट किया। मिताली को क्रिकेट में भेजने का फैसला उनके पिता दोरई राज का था।
भाई के साथ खेलती थी क्रिकेट
मिताली राज ने 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। बचपन में मिताली बहुत आलसी थी और उनके पिता को हमेशा से इस बात का डर सताता था कि कहीं उनकी बेटी की आदत हमेशा ऐसी ही न रह जाए। जिस वजह से उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट कोचिंग लेने के लिए भेजा। मिताली ने अपने भाई के साथ हैदराबाद के सेंट जोन्स स्कूल में क्रिकेट कोचिंग लेना स्टार्ट किया। यहां वो लड़कों के साथ नेट पर प्रैक्टिस किया करती थीं। क्रिकेट के साथ-साथ उन्होंने भरतनाट्यम डांस भी सीखा है, लेकिन क्रिकेट के शौक के कारण उन्होंने डांसर बनने का सपना छोड़ दिया।
महज 17 साल की उम्र में खेला पहला इंटरनेशनल मैच
इंडियन वुमंस क्रिकेट टीम की कैप्टन मिताली राज ने महज 17 साल की उम्र में ही इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू कर लिया था। उन्होंने अपना पहला मैच 26 जून 1999 में आयरलैंड के खिलाफ खेला था। अपने पहले ही मैच में मिताली ने 114* रनों की पारी खेलकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। इसके बाद 2002 में मिताली ने इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच खेला था और 2006 में उन्होंने टी-20 करियर की शुरुआत की थी। मिताली ने अपना पहला टी-20 मैच इंग्लैंड के खिलाफ ही खेला था।
टेस्ट क्रिकेट में लगाई डबल सेंचुरी
इसके बाद 19 साल की उम्र में मिताली ने अपने टेस्ट करियर की बेहतरीन पारी खेली। इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए मिताली राज ने 2002 में 214 रनों की पारी खेली थी। ये उनके करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस थी। इस मैच में मिताली ने कैरेन रॉल्टन के 209* रनों का रिकॉर्ड तोड़ा था। हालांकि मिताली ये रिकॉर्ड अपने पास केवल 2 साल तक ही रख पाई और साल 2004 में पाकिस्तान की किरन बालोच ने 242 रन बनाकर मिताली का ये रिकॉर्ड तोड़ दिया।
21 साल की उम्र में बनी कैप्टन
अपने शानदार परफॉर्मेंस की बदौलत मिताली राज को 2004-05 में वुमंस क्रिकेट टीम की कमान सौंपी गई। मिताली जब इंडियन वुमंस क्रिकेट टीम की कैप्टन बनीं, उस वक्त उनकी उम्र 21 साल थी। अपनी शानदार बल्लेबाजी के कारण मिताली को वुमंस क्रिकेट का "सचिन तेंदुलकर" भी कहा जाता है। मिताली इंडिया टीम की पहली कैप्टन है, जिसने टीम इंडिया को 2 बार फाइनल में एंट्री दिलाई है। 2005 के वर्ल्ड कप फाइनल में इंडिया, ऑस्ट्रेलिया से हार गई और 2017 में इंग्लैंड से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा मिताली के पास 2 एशिया कप की ट्राफी भी अपने नाम करने का रिकॉर्ड है। मिताली को 2003 में अर्जुन अवॉर्ड और 2015 में पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया है।
6 हजार रन बनाने वाली इकलौती बल्लेबाज
इसके साथ ही इंडिया टीम की कैप्टन मिताली राज वनडे क्रिकेट में 6000 रन बनाने वाली इकलौती वुमन क्रिकेटर हैं। मिताली ने अब तक 186 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 51.58 के एवरेज से 6190 रन बनाए हैं। इसमें 6 सेंचुरी और 49 हाफ सेंचुरी भी शामिल हैं। इसके साथ ही मिताली अब तक 10 टेस्ट मैच खेल चुकी हैं, जिसमें उन्होंने 51 के एवरेज से 663 रन बनाए हैं। वहीं टी-20 में मिताली का रिकॉर्ड बेहद शानदार हैं। मिताली ने अब तक 63 टी-20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 10 हाफ सेंचुरी की मदद से 1708 रन बनाए हैं।
Created On :   4 Dec 2017 8:39 AM GMT