शरद पवार के खिलाफ आरोप साबित करें या माफी मांगें पीएम: वंचित बहुजन अघाड़ी
- भाजपा बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक में प्रधानमंत्री ने राकांपा सुप्रीमो के खिलाफ कई आरोप लगाए थे
- भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ. बी.आर. अंबेडकर के पोते हैं प्रकाश अंबेडकर
- वीबीए अध्यक्ष ने माफी न मांगने की स्थिति में आंदोलन करने की धमकी दी है
डिजिटल डेस्क, पुणे। वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) ने आक्रामक रुख अपनाते हुए शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ उनके आरोपों को साबित करने या माफी मांगने की मांग की।
भाजपा बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक में प्रधानमंत्री ने राकांपा सुप्रीमो के खिलाफ कई आरोप लगाए थे, जिसके बाद हंगामा मच गया और पार्टी विभाजित हो गई। अलग हुए धड़े का नेतृत्व सीनियर पवार के भतीजे अजित पवार ने किया और यह धड़ा महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गया।
भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ. बी.आर. अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने कहा, “उनमें सिंचाई क्षेत्र, महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक और अवैध खनन घोटाले शामिल थे। मोदी द्वारा लगाए गए आरोप प्रसारित किए गए, टेलीविजन चैनलों पर कई बार चलाए गए और सोशल मीडिया पर भी गूंजे।”
उन्होंने कहा कि यदि देश के प्रधानमंत्री सार्वजनिक रूप से ऐसे आरोप लगा रहे हैं, तो उनके पास निश्चित रूप से ठोस जानकारी और सबूत होंगे, जिसे उन्होंने ईडी, सीबीआई और आई-टी से प्रमाणित किया होगा।
अंबेडकर ने कहा, "इसलिए, हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि 10 दिन के भीतर वह भ्रष्टाचार में शामिल उक्त व्यक्ति (शरद पवार) के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करें और कथित 70,000 करोड़ रुपये की घोटाला राशि की वसूली प्रक्रिया शुरू करें।"
उन्होंने यह भी कहा कि यदि प्रधानमंत्री आरोपों को साबित नहीं कर पाते तो उन्हें बदनाम करने के लिए शरद पवार से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि चुनावी लाभ के लिए बिना ठोस सबूत के एक वरिष्ठ नेता की निंदा करना नैतिक नहीं है और राजनीति में ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।
वीबीए अध्यक्ष ने यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि अगर पीएम मोदी ने 10 दिन के भीतर शरद पवार से माफी नहीं मांगी तो पार्टी इस मुद्दे पर कड़ा आंदोलन करेगी।
उन्होंने आग्रह किया, “शरद पवार राजनीतिक मोर्चे 'इंडिया' का हिस्सा हैं, और इसलिए, हम कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और शिव सेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे से भी आंदोलन में भाग लेने की अपील करते हैं।”
(आईएएनएस)
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Created On :   4 Aug 2023 11:09 AM GMT