फंस गया पेंच: चुनाव से छह महीना पहले ही इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर उधेड़बुन शुरु, इस वजह से डिले हो रहा सीट बंटवारे का फॉर्मूला!

चुनाव से छह महीना पहले ही इंडिया गठबंधन में सीटों को लेकर उधेड़बुन शुरु, इस वजह से डिले हो रहा सीट बंटवारे का फॉर्मूला!
  • सीट बंटवारे पर फंसा पेंच
  • कांग्रेस को ज्यादा सीट देने से साफ इंकार साथी दल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार को केंद्र से उखाड़ फेंकने के लिए विपक्ष ने इंडिया गठबंधन तैयार किया है। जिसमें 27 सियासी दल शामिल हैं। तीन दौर की बैठक करने के बाद भी गठबंधन इंडिया किसी खास नतीजे पर अब तक नहीं पहुंच पाई है। एबीपी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि, आगामी चुनाव में सीट बंटवारों को लेकर विपक्षी पार्टियों में किसी प्रकार का कोई समन्वय नहीं बन पा रहा है। खबरें ये भी हैं कि, इस साल के अंत में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारों को लेकर विपक्षी गठबंधन इंडिया चर्चा कर सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जो गठबंधन के सामने प्रस्ताव रखा था उस पर सर्वसम्मति नहीं बन पाई है। खबरें थी कि, केजरीवाल 30 सितंबर तक आगामी चुनाव को लेकर सीट बंटवारा चाहते थे लेकिन अब इस फैसले को स्थगित कर दिया गया है। विपक्षी गठबंधन भले ही ये कहे कि वो साथ हैं लेकिन सीट बंटवारों को लेकर उनके बीच पेंच फंसता हुआ जा रहा है। सभी दलों की ख्वाहिश है कि उसे सामने वाले पार्टी से अधिक सीट मिले।

इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव से पहले इस साल के अंत में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे आगामी आम चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है। जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं वो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम है। कहा जा रहा है कि, इन पांच राज्यों में जिस पार्टी का जैसा प्रदर्शन होगा उसी के हिसाब से ही आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा होगा। जानकारी मिली है कि, जिस पार्टी को इन राज्यों में ज्यादा सीटें मिलेगी उन्हें ही लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर लड़ने का मौका दिया जाएगा।

गठबंधन इंडिया पर कांग्रेस कहीं भारी न पड़ जाए

हाल ही में तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक हुई थी। इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के सभी कद्दावर नेता मौजूद रहे। इस मीटिंग में आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार की गई थी। मीटिंग के दौरान कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को लेकर इस ओर इशारा भी किया था कि वो आने वाले आम चुनाव में 350 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतार सकती है। लेकिन कांग्रेस की इस फैसले पर विपक्षी दल साफ तौर पर इंकार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। गैर-कांग्रेसी दलों को लगता है कि अगर कांग्रेस 350 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारती है और अच्छा परफॉर्म करती है तो उनका कद्द घट सकता है, जो आने वाले समय में उनके लिए सार्थक नहीं होगा।

इन राज्यों से दूर रह पाएगी कांग्रेस

कांग्रेस को गठबंधन के दो साथियों टीएमसी और आम आदमी पार्टी से जबरदस्त टक्कर मिल रही है। उनका कहना है कि, कांग्रेस जहां मजबूत है वहां चुनाव लड़े और जिन राज्यों में गठबंधन के साथी मजबूत और बीजेपी को सीधे तौर पर टक्कर दे सकते हैं वो हमारे लिए छोड़ दें। जानकारी के मुताबिक, टीएमसी, कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में तो सीएम केजरीवाल पंजाब में चुनावी मैदान में देखना नहीं चाहते हैं। उनका कहना है कि अगर इन दो राज्यों को देंखे तो बीजेपी का उतना दबदबा नहीं है और पार्टी यहां अन्य दलों के अपेक्षा में काफी मजबूत है इसलिए जीत की गारंटी पक्की है। जिसकी वजह से कांग्रेस को यहां से दूर रहना चाहिए।

Created On :   27 Sept 2023 8:33 AM GMT

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