सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई नई संसद भवन वाली याचिका हुई खारिज, पीएम मोदी ही करेंगे नए सदन का उद्घाटन
- सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका हुई खारिज
- नए संसद भवन पर बवाल
- विपक्ष की मांग पर फिरा पानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन पर सियासी घमासान जारी है। विपक्ष के तमाम दल पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन के इनॉगरेशन किए जाने पर विरोध कर रहे हैं और उनका कहना है कि लोकतंत्र की मंदिर का उद्घाटन सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति को करना चाहिए। बता दें कि, ये विरोध इतना बढ़ चुका है कि यह पूरा मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक जा पहुंचा था लेकिन शीर्ष अदालत ने ये याचिका खारिज कर दी और पिटीशन दायर करने वाले से पूछा कि इसका क्या उद्देश्य है? यह याचिका नए संसद भवन के उद्घाटन पीएम से नहीं बल्कि राष्ट्रपति से करवाने के लिए लगाई गई थी। जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार करते हुए खारिज कर दिया है।
इस याचिका पर जस्टिस जे के माहेश्वरी और पी एस नरसिम्हा की अवकाशकालीन बेंच सुनवाई करने वाले थे लेकिन सुनवाई से इंकार करते हुए न्यायाधीशों ने कहा कि ऐसी याचिकाओं पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट नहीं करता इसलिए इसे खारिज किया जाता है। इस याचिका को लगाने वाले याचिकाकर्ता का नाम सी आर जयासुकिन है, जो पेशे से वकील हैं।
कोर्ट ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम सब मामला जानते हैं कि ये याचिका क्यों लगाई गई है। गनिमत है कि हम आप पर किसी तरह का कोई जुर्माना नहीं लगा रहे हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ऐसी याचिका पर अदालत सुनवाई नहीं कर सकता है। कोर्ट ने पिटीशन दायर करने वाले से पूछा, इसका उद्देश्य क्या है, बताएंगे?
विपक्ष के साथ 21 दल!
पीएम मोदी से नए संसद भवन के इनॉगरेशन न कराने पर 21 पार्टियां एक साथ हैं। जिन्होंने शुरू से ही इस पूरे मामले पर विरोध किया है। विरोध कर रही पार्टियों का कहना है कि, देश का सर्वोच्च पद राष्ट्रपति का होता है जिनका अधिकार बनता है कि वो इस नए संसद भवन का उद्घाटन करें। लेकिन पीएम मोदी इसका क्यों उद्घाटन कर रहे हैं? विपक्षी दलों का यह भी कहना है कि, राष्ट्रपति लोकसभा एवं राज्यसभा में बड़ा अहम रोल अदा करता है, साथ ही बजट सत्र के दौरान उसके भाषण से ही सदन का काम काज शुरू होता है लेकिन मोदी सरकार को ये बात समझ नहीं आती है। इसके अलावा विरोध कर रहे दलों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान करने का आरोप मोदी सरकार पर लगाया है।
ये पार्टियां कर रही हैं विरोध
पीएम मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन किए जाने पर 20 से ज्यादा पार्टियां विरोध कर रही हैं। जिनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, जनता दल (यूनाइटेड), शिव सेना (उद्धव गुट), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), समाजवादी पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, आम आदमी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (एम), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, राष्ट्रीय लोकदल, राष्ट्रीय जनता दल, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) जैसे दल शामिल हैं।
जदयू नेता के बयान पर शंकर का पलटवार
वहीं इस विरोध में कई अजीबोगरीब बयान भी सामने आए हैं। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बीते दिन (25 मई) कहा कि, अगर हमारी सरकार केंद्र में आती है तो नए संसद भवन का उपयोग किसी और काम के लिए करेंगे। जिस पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा कि, देश में सपने देखने पर कोई पाबंदी नहीं है। साल 2024 में भी देश की जनता नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने जा रही है। किसी भी तरह से संसद को राजनीति का अखाड़ा बनाना गलत है लेकिन ये क्या बयान है कि हम सत्ता में आए तो ये करेंगे, हम वो करेंगे, देश उनको मौका देने वाला नहीं है।
कांग्रेस से भी उठी समर्थन में आवाज
इसके अलावा नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सबसे ज्यादा कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर है। जिसके अपने ही नेता सवाल खड़े कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता आर्चाय प्रमोद कृष्णम ने बीते दिन कहा था, अगर भारत के प्रधानमंत्री नए ससंद भवन का उद्घाटन नहीं करेंगे तो क्या पाकिस्तान के पीएम करेंगे? हमें पीएम मोदी की नीतियों का विरोध करना चाहिए न कि देश का।
सरकार के साथ कौन-कौन?
पीएम मोदी के साथ कई ऐसे भी दल है जिन्होंने उद्घाटन समारोह को अपना समर्थन दिया है। जिनमें युवाजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी, बीजू जनता दल, शिव सेना (शिंदे गुट), बहुजन समाज पार्टी, लोक जन शक्ति पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी, नेशनल पीपल्स पार्टी, नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, अपना दल (सोनेलाल), रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले), तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार), ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, मिजो नेशनल फ्रंट और शिरोमणि अकाली दल जैसे राजनैतिक पार्टियां शामिल हैं।
Created On :   26 May 2023 3:35 AM GMT