कर्नाटक: सूखे की स्थिति को देखते हुए मैसूर दशहरे की चमक-दमक में होगी कटौती

सूखे की स्थिति को देखते हुए मैसूर दशहरे की चमक-दमक में होगी कटौती
  • कर्नाटक के समाज कल्याण मंत्री डॉ. एच.सी. महादेवप्पा ने सोशल मीडिया में की घोषणा
  • बारिश की विफलता के कारण राज्य में किसान संकट की स्थिति में हैं
  • इस बार राज्य उत्सव दशहरा का "सरल और सार्थक" आयोजन करेगी

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक के समाज कल्याण मंत्री डॉ. एच.सी. महादेवप्पा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस सरकार राज्य में मौजूदा गंभीर सूखे की स्थिति की पृष्ठभूमि में इस बार राज्य उत्सव दशहरा का "सरल और सार्थक" आयोजन करेगी। मंत्री महादेवप्पा ने सोशल मीडिया पर घोषणा की, "बारिश की विफलता के कारण राज्य में किसान संकट की स्थिति में हैं। इस पृष्ठभूमि में, एक सार्थक दशहरा उत्सव मनाने का निर्णय लिया गया है।"

यह त्योहार, देश और दुनिया से पर्यटकों को मैसूरु शहर आने के लिए आकर्षित करता है। इसे हर साल विजया दशमी के त्योहार के दौरान पूरी भव्यता और धूमधाम से मनाया जाता है।कर्नाटक राज्य रायथा संघ और गन्ना कृषक संघ और अन्य संगठनों ने दशहरा पर एक कम खर्च वाला उत्‍सव मनाने की मांग की है जिसमें सिर्फ महत्वपूर्ण आयोजन हों।

मंत्री महादेवप्पा मैसूरु जिले के जिला प्रभारी मंत्री और दशहरा कार्यकारी समिति के अध्यक्ष भी हैं। इस साल 10 दिवसीय दशहरा उत्सव अक्टूबर माह में मनाया जाएगा। तमिलनाडु को पानी छोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से किसान समुदाय आक्रोशित है और अगर रोक नहीं लगाई गई तो उन्हें डर है कि मैसूरु, मांड्या जिलों में खड़ी फसलें नष्ट हो जाएंगी। क्षेत्र के लोगों को उम्मीद थी कि दशहरा पूरी भव्यता के साथ मनाया जाएगा क्योंकि पिछले तीन वर्षों में यह त्योहार धूमधाम से नहीं मनाया गया था।

सूत्रों ने कहा कि दशहरा उत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की सूची पर निर्णय लिया जाएगा। महादेवप्पा ने पहले उत्सव के जश्न के लिए 30 करोड़ रुपये का अनुदान मांगा था। चूंकि सीएम सिद्दारमैया भी मैसूर से आते हैं, इसलिए भव्य दशहरा की सभी तैयारियां की जा रही थीं। हालांकि बारिश की विफलता ने इसमें खलल डाल दिया है। राज्य सरकार ने दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए प्रसिद्ध संगीत निर्देशक और कार्यकर्ता हम्सलेखा को चुना था, लेकिन और यह निर्णय बाद में विवादों में घिर गया।

कर्नाटक सरकार ने घोषणा की थी कि 2023 के मानसून के दौरान राज्य के 31 जिलों और 236 तालुकों में से 195 तालुक सूखे की स्थिति का सामना कर रहे हैं। 161 तालुक सूखे से गंभीर रूप से प्रभावित माने जाते हैं और 34 तालुक सूखे से मामूली रूप से प्रभावित हैं। राज्य सरकार ने यह निर्णय केंद्र सरकार के सूखा घोषणा दिशानिर्देशों के अनुसार जिला आयुक्तों की रिपोर्ट के आधार पर लिया है।

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Created On :   22 Sept 2023 9:44 AM GMT

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