चुनाव 2024: बेरोजगारी और महंगाई को लेकर सोनिया गांधी ने मोदी सरकार को घेरा, विपक्ष पर हो रही कार्रवाई को बताया अत्याचार
- सोनिया गांधी ने मोदी सरकार की नीतियों पर साधा निशाना
- विपक्ष को डराया, धमकाया जा रहा है- सोनिया गांधी
- 'लोकतांत्रिक संस्थाओं को खत्म करने की कोशिश जारी'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने राजस्थान के जयपुर में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि हमारा देश पिछले 10 साल से एक ऐसी सरकार के हवाले है, जिसने बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक संकट, असमानता और अत्याचार को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मोदी सरकार ने जो-जो किया है वो आपके सामने है इसीलिए यह समय हताशा से भरा हुआ है लेकिन हताशा के साथ ही उम्मीद का भी जन्म होता है। यह देश हम सबका है। किसी चंद लोगों की जागीर नहीं है।
लोकतंत्र का चीरहरण हो रहा है- सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी खुद को महान मानकर देश और लोकतंत्र की मर्यादा का चीरहरण कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं को डराने, धमकाने और भाजपा में शामिल कराने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। हमारे देश का लोकतंत्र खतरे में है।
सोनिया गांधी ने कहा, "मुझे पूरा यकीन है कि कांग्रेस के हमारे साथी न्याय के दीपक को जलाएंगे और हजार आंधियों में उसे संभालकर आगे बढ़ेंगे। क्योंकि यह देश सिर्फ चंद लोगों की जागीर नहीं है। यह देश हम सबका है। इसे हमारे पुरखों ने अपने खून से सींचा है। इसकी हवाओं में हमारी मां-बहनों के पसीने का नमक है। यह देश हमारे बच्चों का आंगन है। इस देश के मासूम बच्चों से उनके हिस्से का न्याय छीना नहीं जा सकता।"
न्याय की रोशनी को तलाशना होगा- सोनिया
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि वीरों और देश भक्तों के इस महान प्रदेश के प्रतिनिधि के तौर पर इस कार्यक्रम में आपके बीच आकर मुझे अपार गर्व हो रहा है। साथियों, कभी हमारे महान पूर्वजों ने अपने कठिन संघर्ष के बल पर पराधीनता के अंधेरे में देश की स्वाधीनता के सूर्य को खोजा और पाया था। इतने वर्षों बाद वो महान ज्योति कुछ मद्धिम पड़ गई है। चारों ओर अन्याय का अंधकार बढ़ा है। हम सभी का संकल्प होना चाहिए कि हम इसके खिलाफ लड़ेंगे और न्याय की रोशनी खोजेंगे।
सोनिया गांधी ने कहा कि कोई भी देश से बड़ा नहीं हो सकता है। अगर कोई ऐसा सोचता भी है तो देश की जनता, मेरी प्यारी बहनें, नौजवान, किसान, आदिवासी और मजदूर उसे सबक सिखा देते हैं। दुर्भाग्य से आज देश में ऐसे नेता सत्ता में विराजमान हैं। जो लोकतांत्रिक संस्थाओं को राजनीतिक सत्ता से बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। संविधान को बदलने की कोशिश की जा रही है। यह तानाशाही है। जिसे हमें खत्म करना होगा।
Created On :   6 April 2024 3:01 PM IST