ईयर एंडर 2023: 'छह माह' चले अढाई कोस- 2023 में बने इंडिया गठबंधन की बैठकों में कब-कब, क्या-क्या हुआ? इन अहम मुद्दों पर फैसला अब भी बाकी!

छह माह चले अढाई कोस- 2023 में बने इंडिया गठबंधन  की बैठकों में कब-कब, क्या-क्या हुआ? इन अहम मुद्दों पर फैसला अब भी बाकी!
  • साल 2023 खत्म लेकिन इंडिया गठबंधन में नहीं बन पा रही बात
  • सीट बंटवारों पर अलंयास में छिड़ी है जंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरता हुआ साल यानी कि साल 2023 कांग्रेस के लिए कुछ नया अनुभव लेकर आया और देश के सियासी इतिहास में एक नया गठबंधन बना। बीजेपी से लगातार शिकस्त झेल रही कांग्रेस ने बाकी विपक्षी दलों के साथ गठबंधन में आना मंजूर किया। मोदी सरकार के खिलाफ सारे दल एक टेबल पर एकजुट हुए। तारीख थी साल 2023 की 23 जून और शहर था पटना। पहली बैठक में साथ रहने के वादे हुए और दूसरी बैठक में इस गठबंधन को नाम और पहचान मिली। I.N.D.I.A. नाम के इस गठबंधन ने आकार लिया और अब बीजेपी को हराने की कसम के साथ एकजुट होने की पुरजोर कोशिश में जुटा है। यूं तो इस गठबंधन को पूरा एक साल नहीं हुआ है, लेकिन नए साल के आगाज से पहले ये जान लेना जरूरी है कि जून से लेकर अब तक इस गठबंधन में क्या क्या हो चुका है। किन फैसलों पर सहमती बन सकी है और कहां मनमुटाव अब भी बाकी है।

इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष की 28 पार्टियां कमर कस चुकी हैं। ये सभी राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली की सत्ता से उखाड़ फेंकने की कसम खाई हैं लेकिन इन पार्टियों में समन्वय नहीं बन पा रहा है। इस महीने यानी दिसंबर की 19 तारीख को राजधानी में चौथे दौर की बैठक हुई लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला। चार दौर की बैठक के बाद भी नतीजा न निकलना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

जानकारी के लिए बता दें कि, 19 दिसंबर की जो बैठक दिल्ली में बुलाई गई थी वो सीट शेयरिंग को लेकर थी। लेकिन इस पर भी बात नहीं बन पाई। इंडिया गठबंधन की बैठक पर बीजेपी भी निशाना साध रही है। भाजपा का कहना है कि, ये सभी पार्टियां करप्शन में लिप्त हैं केवल अपने सियासी फायदे के लिए एकजुट हुई हैं अगर इन्हें देश की सेवा करनी है तो क्या खुद के दम पर सियासी मैदान में नहीं उतर सकती हैं?

बीजेपी से कैसे लड़ेगा इंडिया गठबंधन?

राजधानी में इंडिया गठबंधन की बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुखिया ममता बनर्जी, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक में शिरकत की थी। तमाम दिग्गजों के उपस्थित होने के बावजूद भी बात नहीं बन पाई है। अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में सीट शेयरिंग के साथ इंडिया गठबंधन के संयोजक पर भी चर्चा होने वाली थी। खबरें ऐसी भी थी कि शायद इसी बैठक में गठबंधन के संयोजक के नाम का एलान हो जाए। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में महज चार महीने का ही समय बचा है लेकिन अब तक अलांयस की ओर से किसी तरह का कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस साल में बस कुछ ही गिने चुने के दिन बचे हैं। सियासी पंड़ितों के मुताबिक, अगर गठबंधन अभी फैसला करने में आनाकानी करता है तो बाद में उन्हें घाटे का सौदा हो सकता है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी कई स्तरों पर इंडिया गठबंधन से मजबूत है चाहे वो जमीनी स्तर या पार्टी सगंठन के तौर पर।

किस पद को लेकर इंडिया गठबंधन में खींचतान?

दरअसल, इंडिया गठबंधन जब से अस्तित्व में आया है तब से इनके बीच रार छिड़ी हुई है। बीते दिन बैठक से पहले पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक पोस्टर लगाया गया था जिसमें उन्हें पीएम मोदी के सामने अलांयस की ओर से प्रधानमंत्री का चेहरा बताया गया था। अलांयस के बीच पद को लेकर हमेशा से खींचतान देखी गई है। तीसरे दौर की बैठक में भी गठबंधन के संयोजक पर जंग छिड़ा था। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने यहां तक एलान कर दिया था कि गठबंधन के संयोजक कुमार को ही बनाना चाहिए क्योंकि उनके नेतृत्व में बीजेपी को कई बार पटखनी मिली है। अगर किसी नेता में भाजपा को हराने का साहस है तो वो नीतीश हैं इनसे बेहतर कोई नहीं है। हालांकि, जेडीयू के इस बयान पर काफी घमासान मचा था। गठबंधन इंडिया के दल ही आपस में खूब बयानबाजी करते पाए गए थे।

किस बात को लेकर नहीं बन पा रही है बात?

दरअसल, इंडिया गठबंधन में दो बातों पर पेंच फंसी हुई है। पहला है कि साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से पीएम मोदी के सामने कौन खड़ा होगा, जो उनकी लोकप्रियता को टक्कर दें सके।

दूसरा- इंडिया गठबंधन से अलांयस का संयोजक कौन हो? जो चुनाव और बीजेपी की कांट निकालने में अहम भूमिका निभा सके। ये दो अहम सवाल है जिसका गठबंधन अभी तक फैसला नहीं कर पाया है। विश्लेषकों के मुताबिक, अगर इंडिया इस बात का हल निकाल लें तो उनकी आधी समस्या दूर हो जाएगी लेकिन तमाम राजनीतिक दल अपने ओर से एक पीएम का नाम पेश कर रहे हैं जिसकी वजह से बैठक में बात नहीं बन पाती है।

बैठक में अब तक क्या हुआ?

चार दौर की बैठक में इंडिया गठबंधन ने महज 14 सदस्यीय समन्वय समिति और 19 सदस्यी चुनाव रणनीति समिति का गठन किया है जो अभी एक्टिव भी नहीं हैं। इंडिया गठबंधन पर पैनी नजर बनाए रखने वाले सियासी जानकारों का कहना है कि, बीजेपी को हराने के लिए तैयार हुआ गठबंधन फिलहाल न के बराबर ही काम कर रहा है क्योंकि आपको देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे मजबूत पार्टी से मुकाबला करना है पर अब तक पार्टियां में समन्वय नहीं बन पाया है।

कांग्रेस के लिए आसान नहीं ये राह

इस गठबंधन की प्रमुख पार्टी कांग्रेस को लेकर बड़ा पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में तेलंगाना छोड़ चार राज्यों में करारी हार झेलनी पड़ी है। कांग्रेस की हार ने इंडिया गठबंधन पर काफी प्रभाव डाला है। कयास लगाए जा रहे थे कि अगर कांग्रेस एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर लेती है तो गठबंधन में इसकी सबसे मजबूत दावेदारी हो सकती है लेकिन हार ने पूरा खेल बिगाड़ दिया। गठबंधन की ही पार्टी टीएमसी और समाजवादी पार्टी कांग्रेस को अपने निशाने पर लिया हुआ है। इन दोनों पार्टियों का कहना है कि कांग्रेस को यूपी और पश्चिम बंगाल में त्याग करनी होगी। जहां जो पार्टियां मजबूत हैं वहां कांग्रेस को कम सीटों पर लड़ना होगा। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी पहले ही संदेश दे चुकी हैं कि वो कांग्रेस को बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से महज दो सीटों पर ही चुनाव लड़ने के लिए सीट दे सकती हैं। जबकि सपा की ओर से यूपी में कांग्रेस को 8 सीटें देने की बात कही गई है। कुल मिलाकर देखा जाए तो इस गठबंधन में सभी दल अपने-अपने हित साधने में लगे हुए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर आने वाले दिनों में बात नहीं बन पाई तो शायद इंडिया गठबंधन में दरार भी पड़ सकती है।

कब-कब कहां हुई बैठकें?

इंडिया गठबंधन की पहली बैठक इस साल 23 जून को राजधानी पटना में हुई थी। जिसका नेतृत्व खुद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने की थी। जबकि विपक्षी दलों की दूसरी बैठक 17 और 18 जुलाई को कर्नाटक के बेंगलुरू में हुई थी। वहीं तीसरी बैठक मुंबई में हुई थी। जिसका पूरा देख रेख शिवसेना (यूबीटी), प्रदेश कांग्रेस और शरद पवार वाली एनसीपी ने की थी। इसी बैठक में 14 सदस्यीय समन्वय समिति और 19 सदस्यी चुनाव रणनीति समिति का गठन किया गया था।

Created On :   27 Dec 2023 6:53 PM IST

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