वीआईपी सुरक्षा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाई गई, अब Z plus श्रेणी से बढ़कर ASL श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी
- IB ने किया था अलर्ट
- भागवत को अब एडवांस सिक्योरिटी लाइजन सुरक्षा मिलेगी
- एएसएल सुरक्षा में बहुस्तरीय सुरक्षा का घेराव
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईबी के अलर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत की सुरक्षा Z plus श्रेणी से बढ़ाकर ASL श्रेणी में कर दी है। आपको बता दें भागवत को पहले से ही Z plus श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। मिली जानकारी के अनुसार मोहन भागवत की सुरक्षा अब जेड प्लस से बढ़ाकर एडवांस सिक्योरिटी लाइजन कर दी है। खबरों के अनुसार मोहन भागवत की सुरक्षा आईबी के थ्रेट अलर्ट के बाद बढ़ाई गई है। मोहन भागवत की सुरक्षा सीआईएसएफ जवानों के द्वारा की जाती है। नई सिक्योरिटी के बाद अब सीआईएसएफ की टीम उस स्थान पर पहले से ही मौजूद रहेगी जहां मोहन भागवत को जाना होगा। मौजूदा समय में उनकी सुरक्षा में 58 कमांडो क्लॉक वाइज तैनात रहते हैं।
आपको बता दें जिस व्यक्ति को ASL श्रेणी की सुरक्षा मिलती है उसकी सुरक्षा से संबंधित जानकारी जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और अन्य विभागों जैसी स्थानीय एजेंसियों की भागीदारी को अनिवार्य करता है। एडवांस सिक्योरिटी लाइजन सुरक्षा में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा होता है। साथ ही चॉपर यात्रा की अनुमति केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में ही दी जाती है। जिसके लिए अलग तरह का प्रोटोकॉल होता है।
भारत में 4 तरह की सुरक्षा कैटेगरी है जिसमें X, Y, Z और Z प्लस सुरक्षा कैटेगरी होती है और इसमें Z प्लस कैटेगरी सबसे बड़ी सुरक्षा कैटेगरी होती है। एनएसजी का इस्तेमाल वीवीआईपी और वीआईपी लोगों की सुरक्षा में सबसे ज्यादा किया जाता है।
प्रधानमंत्री के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप 4 स्तरीय सुरक्षा के अलावा स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) एक विशिष्ट सुरक्षा व्यवस्था है जिसके तहत देश के वर्तमान और पूर्व प्रधानमंत्रियों के अलावा उनके करीबी परिजनों की यह सुरक्षा दी जाती है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश के शीर्ष पद पर बैठे नेता और उनके परिजनों की सुरक्षा देने के लिहाज से एसपीजी की स्थापना की गई।
1. X कैटेगरी सुरक्षा
X स्तरीय सुरक्षा में महज 2 सुरक्षाकर्मी (कमांडो शामिल नहीं) शामिल होते हैं। यह सुरक्षा दिए जाने की बेसिक प्रोटेक्शन है। इसमें एक पीएसओ (पर्सनल सिक्यूरिटी ऑफिसर) भी होता है।
2. Y कैटेगरी सुरक्षा
Y स्तरीय सुरक्षा में 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं। इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं।
3. Z कैटेगरी सुरक्षा
Z कैटेगरी सुरक्षा में 22 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं जिसमें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के 4 या 5 कमांडर भी होते हैं। अतिरिक्त सुरक्षा दिल्ली पुलिस या सीआरपीएफ की ओर से मुहैया कराई जाती है। सुरक्षा में एक एस्कॉर्ट कार भी शामिल होती है। कमांडोज सब मशीनगन और आधुनिक संचार के साधनों से लैस रहते हैं। इसके अलावा इन्हें मार्शल ऑर्ट से प्रशिक्षित किया जाता है। इनके पास बगैर हथियार के लड़ने का भी अनुभव होता है।
4. Z प्लस कैटेगरी सुरक्षा
Z प्लस कैटेगरी सुरक्षा में एक-दो नहीं बल्कि 36 सुरक्षाकर्मी लगे होते हैं जिसमें एनएसजी के भी 10 कमांडोज होते हैं। इस सुरक्षा व्यवस्था को दूसरी एसपीजी कैटेगरी भी कहा जाता है। ये कमांडोज अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं। उनके पास लेटेस्ट गैजेट्स और यंत्र होते हैं। सुरक्षा के पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है, इसके बाद दूसरे स्तर पर एसपीजी के अधिकारी होते हैं। साथ ही आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान उनकी सुरक्षा में लगाए जाते हैं।
Created On :   28 Aug 2024 10:16 AM IST