मणिपुर हिंसा: राहुल गांधी हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर पहुंचे, राहत शिविरों में जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे

मणिपुर हिंसा: राहुल गांधी हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर पहुंचे, राहत शिविरों में जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे
  • हिंसा के बीच मणिपुर पहुंचे राहुल गांधी
  • अपने दो दिवसीय दौरे पर लोगों से करेंगे मुलाकात

डिजिटल डेस्क, इंफाल। मणिपुर करीब दो महीने से जल रहा है। जिसको लेकर केंद्र और प्रदेश की सरकार खूब कोशिश कर रही है ताकि राज्य में शांति स्थापित की जाए। प्रदेश में आगजनी को लेकर विपक्षी दल सत्तारूढ़ बीजेपी पर हमलवार हैं और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रहे हैं। मणिपुर की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज पूर्वोत्तर राज्य के दो दिवसीय दौरे पर गए हुए हैं। जहां वो राहत शिविरों में जाकर लोगों से मुलाकात करने वाले थे। मुलाकात करने से पहले ही उन्हें रास्ते में रोक दिया गया था। लेकिन अब राहुल गांधी वापस इंफाल एयरपोर्ट लौट आए हैं और वहां से हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर पहुंच गए हैं। जहां वो राहत शिविरों में जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे।

बता दें कि, मणिपुर में हिंसा 3 मई से भड़की हुई है। जिसकी वजह से अब तक 100 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि हजारों की संख्या में लोग घायल हुए है। यह हिंसा इतनी भड़की है कि उपद्रवी मंत्रियों के घर तक को आग के हवाले कर चुके हैं। इस हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय सुरक्षाबलों की कंपनियां और असम राइफल्स के जवान मौके पर तैनात किए गए हैं लेकिन फिर भी हिंसा पर कामयाबी हासिल नहीं हो पाई है।

राहुल को रोका गया

जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी को इंफाल से 20 किलोमीटर आगे बिष्णुपुर जिला में रोका गया है। पुलिस ने राहुल को सुरक्षा का हवाला देते हुए उनके काफिले को आगे बढ़ने नहीं दे रही है।

क्यों जल रहा मणिपुर?

मणिपुर में 3 मई से हिंसा की शुरूआत हुई थी जो बदस्तूर जारी है। मणिपुर हाईकोर्ट ने एक आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाती का दर्ज दे। इस आदेश पर प्रदेश के कुकी समुदाय ने अपनी नाराजगी जताई थी और 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने 'आदिवासी एकता मोर्चा' निकाली थी, जो चुरचांदपुर के तोरबंग इलाके से निकाली गई थी। इस रैली के दौरान ही आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। जिसे शांत कराने के लिए पुलिस को आना पड़ा था और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे थे। लेकिन शाम तक प्रदेश सरकार के हाथ से ये पूरा मामला निकल पड़ा था। जिसके बाद मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने केंद्र सरकार से मदद मांगी थी। फिर सरकार ने तुरंत प्रदेश में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियों को तैनात किया।

Created On :   29 Jun 2023 12:38 PM IST

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