दिल्ली: राहुल ने की महिला आरक्षण बिल तुरंत लागू करने की मांग, ओबीसी कोटा न हाेने पर जताया अफसोस
- कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने शुक्रवार को विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग
- यह भी कहा कि यह अफसोसजनक है कि विधेयक के भीतर ओबीसी कोटा शामिल नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर परिसीमन और जनगणना के खंड को हटाकर महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग की, और यह भी कहा कि यह अफसोसजनक है कि विधेयक के भीतर ओबीसी कोटा शामिल नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को जातीय जनगणना करानी चाहिए।
यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "कुछ दिन पहले संसद के विशेष सत्र की घोषणा की गई थी और बहुत धूमधाम से हम पुरानी संसद से नए संसद भवन में स्थानांतरित हुए।"
कांग्रेस नेता ने कहा, "हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि सत्र का मुख्य फोकस क्या है। महिला आरक्षण विधेयक बहुत अच्छा है, लेकिन हमें दो फ़ुटनोट मिले कि जनगणना और परिसीमन उससे पहले किए जाने की ज़रूरत है। इन दोनों में वर्षों लगेंगे। सच्चाई यह है कि आरक्षण आज लागू किया जा सकता है, यह कोई जटिल मामला नहीं है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं करना चाहती।''
कांग्रेस नेता ने कहा, "सरकार ने इसे देश के सामने पेश किया है लेकिन इसे अब से 10 साल बाद लागू किया जाएगा। कोई नहीं जानता कि इसे लागू भी किया जाएगा या नहीं। यह ध्यान भटकाने वाली रणनीति है।"उन्होंने कहा कि उन्होंने संसद में एक संस्था और सरकार चलाने वाले कैबिनेट सचिव और सचिव के बारे में बात की।
उन्होंने कहा, "अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी के लिए बहुत काम करते हैं, तो 90 में से केवल तीन ओबीसी समुदाय से हैं, क्यों? मैंने बजट से एक विश्लेषण किया था। वे ओबीसी, आदिवासी और दलितों का कितना बजट नियंत्रित करते हैं। ओबीसी अधिकारी बजट का 5 प्रतिशत ही नियंत्रण करते हैं।"
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "वह ओबीसी और उनके गौरव के बारे में बात करते हैं। जब मैंने बात की तो उनकी प्रतिक्रिया दिलचस्प थी। उन्होंने कहा कि लोकसभा में हमारा प्रतिनिधित्व है। क्या ओबीसी की आबादी केवल 5 प्रतिशत है। अगर सच है, तो मैं स्वीकार कर रहा हूं और अगर सच नहीं है तो मैं इसका पता लगाऊंगा।" उन्होंने यह भी कहा, ''लोकसभा को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है, क्या वे कोई निर्णय लेते हैं, क्या वे कानून बनाने में भाग लेते हैं, इसका जवाब नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, ''सांसद मंदिरों में मूर्तियों की तरह हैं और उनके पास कोई शक्ति नहीं है और सरकार चलाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है।''उन्होंने यह भी कहा कि ओबीसी समुदाय के युवाओं को भी यही समझने की जरूरत है।
राहुल गांधी ने मांग की, ''जनगणना और परिसीमन को हटाया जाना चाहिए। महिलाओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए।'' उन्होंने कहा कि जाति जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक किए जाने चाहिए, जो हमने उठाए थे। उन्होंने कहा, "जाति जनगणना भी करें। प्रधानमंत्री को भारत के 90 अधिकारियों पर स्पष्टीकरण देना होगा और केवल तीन ही ओबीसी क्यों हैं।" यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस बात का अफसोस है कि कांग्रेस ने विधेयक में ओबीसी कोटा शामिल नहीं किया, राहुल गांधी ने कहा, "हां, मुझे इसका 100 प्रतिशत अफसोस है।"
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Created On :   22 Sept 2023 6:47 PM IST