तंज: कृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी पर कसा तंज, राम जन्मभूमि आंदोलन का किया जिक्र

कृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी पर कसा तंज, राम जन्मभूमि आंदोलन का किया जिक्र
  • प्रियंका चतुर्वेदी ने बीजेपी पर कसा तंज
  • हाई कोर्ट ने कहा- सुना जाएगा कृष्ण जन्मभूमि मामला
  • मुस्लिम पक्ष की दलील खारिज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूपी के मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर 1 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि यह विवाद सुनवाई योग्य है। जिसके बाद इस मामले ने सियासी तूल पकड़ ली है। इस बीच शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हाई कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि का मामला स्वीकार कर लिया है। अब इस पर पूरी तरह से कानूनी मामला शुरू किया जाएगा। इसके अलावा दोनों पक्षों की बातें भी सुनी जाएगी।

पीटीआई (न्यूज एजेंसी) से बातचीत के दौरान राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैं याद दिलाना चाहती हूं कि राम जन्मभूमि का अंदोलन करीब 500 साल चला। सुप्रीम कोर्ट में एक लड़ाई लड़ी गई थी। लेकिन इसका श्रेय राजनिति पार्टी ने लिया है। यहां तक कि भगवान राम ने आयोध्या से हराकर उन्हें एक संदेश दे दिया है।

हाई कोर्ट ने कहा- सुना जाएगा मामला

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के विवाद पर 1 अगस्त को कहा कि यह मामला सुनवाई योग्य है। साथ ही, कोर्ट ने इस विवाद पर सुनवाई करने के लिए 12 अगस्त की तारीख तय की गई है। इस विवाद की पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मयंक कुमार जैन ने मुकदमे की पोषणीयता के संबंध में मुस्लिम पक्ष के ओर से दी गई दलीलें को खारिज कर दी गई है।

मुस्लिम पक्ष की दलील खारिज कर दी

बता दें, हाई कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इस मामलें की पोषणीयता को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष से जो भी दलीलें दी गई थी, हाई कोर्ट ने उसे खारिज कर दी है। साथ ही, उन्होंने कहा कि इस मामला के निर्णय के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट सभी 18 मामलों पर सुनवाई जारी रखेगा। इसके अलावा हिंदू पक्ष के वकिल ने कहा, 'अब हम हाई कोर्ट जाकर माननीय कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट के सर्वेक्षण के आदेश पर लगी रोक हटाने की मांग करेंगे। हम आज के निर्णय के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट भी दाखिल करेंगे।'

मुस्लिम पक्ष ने दर्ज कराई आपत्ति

वाद की पोषणीयता को लेकर मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक आपत्ति दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि यह वाद सीमा से बाधित है। क्योंकि, 12 अक्टूबर 1968 में मुस्लिम पक्ष में एक समझौता किया गया था। इस समझौते की पुष्टि 1974 में किया गया था। मुस्लिम पक्ष ने कहा था कि एक समझौते को चुनौती देने की समय सीमा 3 साल है। लेकिन यह विवाद को साल 2020 में दायर किया गया था। इसलिए मौजूदा वाद समय सीमा बाधित है।

मुकदमों की पोषणीयता के संबंध में मुस्लिम पक्ष दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस जैन ने 6 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मुकदमा शाही ईदगाह मस्जिद के ढांचे को हटाकर कब्जा दिलाने और मंदिर का पुर्निर्माण कराने की मांग के साथ दायर किए गए हैं।

Created On :   1 Aug 2024 5:10 PM GMT

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