रफ्तार की सौगात: पीएम नरेंद्र मोदी ने दी देश को पहली रैपिड ट्रेन की सौगात, ट्रेन के नाम पर बिफरी कांग्रेस कहा देश का नाम ही क्यों नहीं बदल देते
- RTSS सेवाएं का नाम बदला
- आज से नमो भारत के नाम से जाना जाएगा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबाबाद से देश की पहली रैपिड ट्रेन नमो भारत को हरी झंडी दिखाई। पीएम मोदी ने बटन दबाकर आरआरटीएस कनेक्ट एप का शुभारंभ किया। इस एप से रैपिड रेल की समस्त जानकारी यात्रियों को मिलेगी। पीएम मोदी ने मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन करके पहला टिकट कटाया। देश की पहली नमो भारत ट्रेन इस लिहाज से भी खास होने जा रही है क्योंकि इसे महिला पायलट चला रही है। पीएम मोदी ट्रेन में बैठकर साहिबाबाद से दुहाई स्टेशन का सफर करेंगे। पीएम मोदी इस दौरान 34 किलोमीटर का सफर तय करने वाले हैं। इस ट्रेन का लाभ यात्री 21 अक्टूबर से ले पाएंगे। पीएम मोदी द्वारा रैपिड ट्रेन को नमो भारत नाम दिए जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा- भारत ही क्यों लिखा? देश का नाम भी बदलकर नमो कर दें।
17 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता खंड
नई रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) रेलगाड़ियों को अब से 'नमो भारत' के नाम से जाना जाएगा। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार यानी 19 अक्टूबर को ये घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (20 अक्टूबर 2023) आरआरटीएस के प्राथमिकता खंड का उद्घाटन किया। पीएम मोदी द्वारा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता खंड के उद्घाटन के एक दिन बाद यानी 21 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। जिसके बाद से यात्री इस सफर का मजा ले सकेंगे।
पीएमओ ने क्या बताया?
प्रधानमंत्री के कार्यालय से बताया गया था कि मोदी भारत में आरआरटीएस की शुरुआत करते हुए साहिबाबाद और दुहाई डिपो को जोड़ने वाली एक रैपिडएक्स ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले हैं। पीएमओ ने बताया था कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर प्राथमिकता खंड गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई स्टेशनों के जरिए साहिबाबाद को दुहाई डिपो से जोड़ेगा।
पीएम मोदी ने 2019 में रखी थी आधारशिला
जानकारी के लिए बता दें कि, पीएम मोदी ने दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारे की नींव आठ मार्च 2019 को रखी थी। पीएम मोदी के मुताबिक, नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण एवं देश में क्षेत्रीय संपर्क को बदलने की दूरदृष्टि को देखते हुए आरआरटीएस परियोजना को विकसित किया जा रहा है। आरआरटीएस 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से एक नयी रेल आधारित, उच्च गति, उच्च आवृत्ति के साथ क्षेत्रीय यात्रा की सुविधा प्रदान करने वाली प्रणाली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारा 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित हो रहा है। यह गाजियाबाद, मुरादनगर तथा मोदीनगर शहरों के जरिए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा।
Created On :   20 Oct 2023 12:34 PM IST