पीएम का पॉडकास्ट: पहले, दूसरे और तीसरे कार्यकाल में क्या अंतर? पीएम मोदी ने पॉडकास्ट में साझा किया अनुभव, बताया अपना लक्षय
- पीएम मोदी ने बताया अपना लक्षय
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय बिजनेसमैन निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट में कई सारी बातों पर खुलासा किया है। जिसमें उन्होंने अपने तीनों कार्यकाल के बारे में भी चर्चा की है। उन्होंने अपने तीनों कार्यकाल के अनुभवों के बारे में भी बताया। साथ ही, पीएम मोदी ने अपनी बचपन की भी यादों को ताजा किया है।
पॉडकास्ट के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "पहले कार्यकाल में, लोग मुझे समझने की कोशिश कर रहे थे और मैं भी दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था। दूसरे कार्यकाल में, मैं बीते हुए कल के संदर्भ में सोचता था। तीसरे कार्यकाल में, मेरी सोच बदल गई है, मेरा मनोबल ऊंचा है और मेरे सपने बड़े हो गए हैं। मैं 2047 तक विकसित भारत के लिए सभी समस्याओं का समाधान चाहता हूं। सरकारी योजनाओं की 100% डिलीवरी होनी चाहिए। यही वास्तविक सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता है। इसके पीछे प्रेरक शक्ति है - AI- 'एस्पिरेशनल इंडिया'।"
पीएम ने बचपन की यादों को किया ताजा
जब कामथ ने पीएम मोदी से उनके बचपन के दोस्त के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'मेरा केस थोड़ा विचित्र है, बहुत छोटी आयु में घर छोड़ दिया। मतलब सबकुछ छोड़ दिया किसी से संपर्क नहीं था तो बहुत गैप हो गया। मेरी जिंदगी एक अनजान भटकते इंसान की थी कि कौन पूछेगा मुझे। तो मेरा जीवन ऐसा नहीं था, लेकिन जब मैं सीएम बना तो मेरे मन में कुछ इच्छाएं जगीं। एक इच्छा ये जगी कि मेरे क्लास के जितने दोस्त हैं पुराने, सबको में सीएम हाउस में बुलाऊंगा। उसके पीछे मेरी साइक्लॉजी ये थी कि मैं नहीं चाहता था कि मेरे किसी भी व्यक्ति को लगे कि अपने आपको बड़ा तीस मार खान बन गया है। मैं वही हूं जो सालों पहले गांव छोड़कर गया था। मुझमें बदलाव नहीं आया, उस पल को मैं जीना चाहता था।'
उन्होंने आगे कहा, 'जीने का तरीका यही है कि मैं उन साथियों के साथ बैठूं, लेकिन उनको चेहरे से भी मैं पहचान नहीं पाता था क्योंकि बहुत गैप हो गया था। 35-36 लोग इकट्ठा हुए थे और रात को खान खाया, गपशप मारे और बचपन की यादें ताजा कीं, लेकिन मुझे आनंद नहीं आया क्योंकि मैं दोस्त खोज रहा था और उन्हें सीएम दिख रहा था। तो वो खाई पटी नहीं। अभी भी वो लोग मेरे संपर्क में हैं, लेकिन वो बड़े सम्मान से मुझे देखते हैं।'
Created On :   10 Jan 2025 6:16 PM IST