संसद शीतकालीन सत्र: ' ये तीन काम छोड़ दो, जनता जिता देगी...', जब अमित शाह ने कांग्रेस को चुनाव में जीत हासिल करने का मंत्र

 ये तीन काम छोड़ दो, जनता जिता देगी..., जब अमित शाह ने कांग्रेस को चुनाव में जीत हासिल करने का मंत्र
  • राज्यसभा में संविधान के 75 साल के सफर पर हुई चर्चा
  • अमित शाह ने संविधान संशोधन समेत कई मुद्दों पर कांग्रेस को घेरा
  • कांग्रेस को दिया जीत का मंत्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संविधान पर दो दिन हुई चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला किया। शाह ने कहा, 'हम एक पंथनिरपेक्ष राष्ट्र हैं, यहां तुष्टिकरण की जगह नहीं होनी चाहिए।' इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस को चुनाव में जीत हासिल करने का मंत्र भी दिया। शाह ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा परिवारवाद, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार को आगे रखा। अगर वह ये तीन काम छोड़ दे तो, जनता उसे जिता देगी।'

वहीं राहुल गांधी के नारे 'मोहब्बत की दुकान' को लेकर भी उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा। शाह ने कहा, 'मोहब्बत की दुकान के बहुत नारे सुने हैं. हर गांव में दुकान खोलने की महत्वाकांक्षा रखने वालों के भाषण भी सुने हैं। पर मोहब्बत बेचने की चीज नहीं है, ये एक जज्बा है, जिसे महसूस किया जाता है।'

कच्चातिवु द्वीप समेत कई मुद्दों का जिक्र कर घेरा

अमित शाह ने कांग्रेस पर अपने फायदे के लिए संविधान संशोधन करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अपने शासनकाल में कांग्रेस ने नागरिक अधिकारों का हनन करने के लिए कई बार संविधान बदला। इसके साथ ही उन्होंने कच्चातिवु द्वीप का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि कच्चातिवु वो द्वीप है जो कि असल में भारत का ही भूभाग है, लेकिन आज हमारे पास नहीं है। कांग्रेस ने इसे संसद में चर्चा किए बिना ही श्रीलंका को सौंप दिया।

इमरजेंसी को लेकर भी शाह ने कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने कहा, 'आपने पार्टी को तो परिवार की जागीर समझा ही है, संविधान को भी परिवार की जागीर बना लिया। संविधान के साथ ऐसा अन्याय दुनिया में किसी ने नहीं किया। आपातकाल में कई लोगों को जेल में डाल दिया गया, जिनमें से कई लोग आज आपके साथ बैठे हैं।'

इसके साथ ही शाह ने आरक्षण मु्द्दे को लेकर भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने नेहरू के सरकार के समय बनी काका कालेलकर कमेटी का जिक्र कर कहा, यदि उस समय कांग्रेस सरकार ने कमीशन की उस रिपोर्ट की सिफारिशें मान ली होतीं तो मंडन कमीशन के गठन की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।

इसके साथ ही शाह ने यह भी कहा कि जब मंडल कमीशन की सिफारिशें स्वीकार की जा रही थीं और सदन में उस रिपोर्ट पर चर्चा हो रही थी, तब लोकसभा में विपक्ष के नेता राजीव गांधी ने उसके खिलाफ सबसे लंबा भाषण दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि ओबीसी को रिजर्वेशन देने से देश में योग्य लोगों का अभाव हो जाएगा।

Created On :   18 Dec 2024 1:05 AM IST

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