महाराष्ट्र पॉलिटिक्स: फडणवीस के मंत्री नितेश राणे के बयान से मचा बवाल, केरल पर विवादित बयान के बाद EVM का फुलफॉर्म बताकर खड़ा किया बखेड़ा

फडणवीस के मंत्री नितेश राणे के बयान से मचा बवाल, केरल पर विवादित बयान के बाद EVM का फुलफॉर्म बताकर खड़ा किया बखेड़ा
  • भाजपा मंत्री नितेश राणे ने दिया विवादित बयान
  • महाराष्ट्र के सियासी गलियारो में हलचल तेज
  • कांग्रेस ने भाजपा पर किया पलटवार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सांगली में शुक्रवार को हिंदू गर्जना सभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार के मंत्री नितेश राणे शामिल होने पहुंचे। इस दौरान एक बार फिर से विवादित बयान दे दिया है। उन्होंने ईवीएम का फूल फॉर्म बताया है। नीतेश राणे ने कहा कि ईवीएम का मतलब होता है 'हर वोट मुल्ला के खिलाफ'। उन्होंने कहा कि 'हां हम ईवीएम एमएलए हैं लेकिन ईवीएम का मतलब हर वोट, मुल्ला के खिलाफ है।' बता दें, फडणवीस सरकार में मत्स्य पालन और बंदरगाह मंत्री नीतेश राणे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री के पुत्र हैं।

नितेश के विवादित बयान पर बवाल

सांगली में हिंदू गर्जना सभा को संबोधित करने के दौरान नीतेश राणे ने कहा "महाराष्ट्र में सभी विपक्षी दल ईवीएम के नाम पर चिल्ला रहे हैं। "वे ईवीएम को दोष दे रहे हैं। वे इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं कि हिंदू समुदाय ने एकजुट होकर मतदान किया है।

इससे पहले भी नितेश राणे विवादित बयान दे चुके हैं। उन्होंने एक जनसभा के दौरान केरल के लोगों को आतंकवादी बताया था। नितेश राणे ने कहा था कि यहां के आतंकवादी लोग राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को वोट देते हैं। इसके अलावा उन्होंने केरल को 'मिनी पाकिस्तान' भी बताया था।

कांग्रेस ने भाजपा पर किया पलटवार

महाराष्ट्र में नितेश राणे के बयान के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस पर कांग्रेस नेता जितेंद्र आव्हाड ने नितेश राणे के बयान पर भाजपा पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा, "नितेश राणे ने संविधान पर हाथ रख कर शपथ ली है। कुछ लोगों को हिंदू मुस्लिम करने के लिए रखा है।"

आव्हाड ने कहा कि चुनाव होने के बाद से लोगों के मन में ईवीएम को लेकर काफी शंका है। इस चुनाव में 201 बूथ पर हमला हुआ और 201 बूथ कैप्चर हुए। जिम्मेदारी प्रशासन की थी। मेरा आरोप है कि जिला प्रशासन नौकर की तरह काम का रहा था। उन्होंने कहा, "जो लोग वोट देने आते थे, वे इंक लगा के बाहर आ जाते थे। उन्हें वोट नहीं देने नहीं दिया गया. चुनाव आयोग को शर्म आनी चाहिए। हम मांग करते हैं कि चुनाव आयोग संज्ञान ले। एसपी से लेकर चुनाव आयोग के अधिकारी पर कार्यवाही होनी चाहिए।"

Created On :   10 Jan 2025 7:34 PM IST

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