प्रदेश के युवाओं को अब अपने गाँव में ही मिलेगा रोजगार, जल जीवन मिशन के तहत मिलेगा काम
- रखरखाव
डिजिटल डेस्क, देहरादून। प्रदेश के कम पढ़े लिखे युवाओं को छोटे रोजगार के लिए अब अपना घर नहीं छोड़ना पड़ेगा। जल जीवन मिशन के तहत सरकार ऐसे युवाओं को नजदीकी आईटीआई पॉलिटेक्निक से प्रशिक्षण देकर गांव में ही काम देगी। वह प्लंबर, मिस्त्री बनकर पेयजल योजनाओं के रखरखाव, नए कनेक्शन, पुराने कनेक्शन से जुड़े काम करेंगे।
प्रदेशभर में जल जीवन मिशन के तहत छोटी-बड़ी मिलाकर 16151 परियोजनाएं बन रही हैं। तमाम गांव ऐसे हैं, जहां पहले से ही पेयजल योजनाएं चल रही हैं। जल जीवन मिशन के तहत इन योजनाओं की जिम्मेदारी विलेज वाटर सेनिटेशन कमेटी (वीडब्ल्यूएससी) को दी जा रही है।
एक बार घर-घर तक नल लगने के बाद इनके रखरखाव, नए कनेक्शन लगाने, पुरानी लाइन की मरम्मत करने के लिए बड़ी संख्या में युवाओं की जरूरत है। पेयजल विभाग ने तय किया है कि इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग से सहयोग लिया जाएगा। गांव के निकटतम आईटीआई, पॉलिटेक्निक में इन युवाओं को प्लंबर, मिस्त्री के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण सितंबर में शुरू होने जा रहा है।
बीटेक छात्रों को भी इसी साल से प्रशिक्षण सरकार ने तय किया है कि सभी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के बीटेक अंतिम वर्ष के छात्रों को भी जल जीवन मिशन की योजनाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें अंतिम वर्ष की एक माह की ट्रेनिंग के बाद पेयजल विभाग की ओर से प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। पेयजल योजना की रिपोर्ट बनाकर विभाग में जमा कराने पर ही प्रमाण पत्र मिलेगा। यह प्रशिक्षण दिसंबर में शुरू होने जा रहा है।
पेयजल विभाग के सचिव नितेश झा ने बताया कि,जल जीवन मिशन की जो योजनाएं पूरी हो रही हैं, वह गांव की समिति को ही सुपुर्द की जा रही है। इन योजनाओं के तहत गांव में पेयजल लाइन की मरम्मत से लेकर नए कनेक्शन व अन्य कार्यों के लिए युवाओं की जरूरत है। सितंबर से आठ हजार युवाओं की आईटीआई पॉलिटेक्निक में ट्रेनिंग शुरू हो रही है। बीटेक अंतिम वर्ष के छात्रों को भी अलग से ट्रेनिंग दी जाएगी।
आईएएनएस
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Created On :   12 Aug 2022 8:00 PM IST