युवा सांसद वरूण गांधी ने योगी पर साधा निशाना कहा, कब तक सब्र करें युवा

Young MP Varun Gandhi targeted Yogi, said how long youth should be patient
युवा सांसद वरूण गांधी ने योगी पर साधा निशाना कहा, कब तक सब्र करें युवा
उत्तर प्रदेश युवा सांसद वरूण गांधी ने योगी पर साधा निशाना कहा, कब तक सब्र करें युवा
हाईलाइट
  • वरूण के बोल बीजेपी पर हमले

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अपनी ही पार्टी के खिलाफ सुर तेज करने वाले बीजेपी के युवा नेता सांसद वरूण गांधी ने एक बार फिर बीजेपी को घेरा है। सांसद गांधी ने नौकरी और पेपर लीक मामले को लेकर बीजेपी की योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए  कहा कि पहले तो सरकारी नौकरी नहीं होती। और जैसे तैसे कभी कभार युवाओं को मौका मिलता है तो पेपर लीक हो जाते हैं।  उन्होंने सवाल किया कि भारत के युवाओं को कब तक धैर्य रखना होगा। अपको बता दें पीलीभीत से भाजपा के लोकसभा सदस्य वरुण गांधी किसानों के विरोध लखीमपुर खीरी कांड जैसे मुद्दों पर अपनी ही पार्टी की सरकार पर लगातार सवाल उठा रहे हैं।लखीमपुर खीरी कांड के बाद वरुण गांधी ने कहा था कि इसे हिंदू बनाम सिख लड़ाई में बदलने की कोशिश की जा रही है।

 सांसद वरुण ने ट्वीट कर कहा पहले कोई सरकारी नौकरी नहीं है। कोई मौका आता है तो पेपर लीक हो जाता है। अगर आप परीक्षा देते हैं तो वर्षों तक कोई परिणाम नहीं आता है। तो यह किसी घोटाले में रद्द हो जाता है। 1.25 करोड़ युवा दो साल से रेलवे ग्रुप डी परीक्षा की प्रतीक्षा कर रहे हैं । सेना भर्ती के साथ भी ऐसा ही है। भारत के युवाओं को कब तक सब्र रखना चाहिए। आपको बता दें इससे पहले रविवार को पेपर लीक होने के बाद योगी सरकार को  यूपीटीईटी 2021 को रद्द करना पड़ा था।

सांसद वरूण गांधी ने ट्वीट के जरिए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पेपर लीक से लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। उन्होंने सरकार  की कार्रवाई पर प्रहार करते हुए कहा कि सरकार सियासी संरक्षक प्राप्त शिक्षा माफिया घोटालाबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।  अधिकांश शिक्षण संस्थान राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों के स्वामित्व में हैं। उनके खिलाफ कब कार्रवाई की जाएगी?। आपको बता दे वरूण अपनी पार्टी से तब से खफा होते हुए नजर आ रहे है जब से पार्टी में उनको तवज्जों नहीं दी जा रही ।इससे पहले  अक्टूबर माह में  वरुण और उनकी मां मेनका गांधी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति पार्टी की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था से हटा दिया गया था।

 

Created On :   2 Dec 2021 4:19 PM IST

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