गुजरात में आप की बढ़ती मौजूदगी से कांग्रेस को नुकसान होगा?

Will the growing presence of AAP in Gujarat hurt the Congress?
गुजरात में आप की बढ़ती मौजूदगी से कांग्रेस को नुकसान होगा?
गुजरात सियासत गुजरात में आप की बढ़ती मौजूदगी से कांग्रेस को नुकसान होगा?

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। गुजरात विधानसभा चुनाव में इस बार कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा। लगभग तीन दशकों के बाद राज्य में अच्छी संख्या के साथ एक तीसरी ताकत उभर रही है। लेकिन आम आदमी पार्टी (आप) के राज्य की राजनीति में आने के बाद भी ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होगा। गुजरात विधानसभा में 182 सीटें हैं और चुनाव इसी साल दिसंबर में निर्धारित हैं। राज्य में आखिरी सफल गठबंधन जनता दल और भाजपा का था, जिन्होंने 1990 में बहुत कम समय के लिए सरकार बनाई थी।

उम्मीद जताई जा रही है कि आम आदमी पार्टी इस बार बड़ा प्रदर्शन कर पाएगी और चुनाव से छह महीने पहले ही चुनावी माहौल में उसकी मौजूदगी दिखाई दे रही है। उसका सोशल मीडिया अभियान जनता के बीच पार्टी की छवि बनाने में बहुत कारगर है और इस बार वह कम से कम दोहरे अंकों में सीटों पर कब्जा जरूर करना चाहेगी।

राजनीतिक विश्लेषक हरि देसाई का कहना है कि यह कांग्रेस या बीजेपी के लिए खतरा नहीं है। देसाई का मानना है कि शुरुआती धारणा यह रही है कि आप कांग्रेस की संभावनाओं को तोड़ देगी, लेकिन जिस तरह से आप ने युवाओं को मुफ्त बिजली और वजीफा देने का वादा किया है, वह महज शहरी मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो इससे बीजेपी को नुकसान होगा।

गुजरात में, दो राष्ट्रीय दलों, भाजपा और कांग्रेस में से कोई भी, किसी अन्य राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल के साथ गठबंधन करने के मूड में नहीं है। बीटीपी पहले ही आप के साथ गठबंधन करने का संकेत दे चुकी है। एआईएमआईएम के किसी अन्य दल के साथ गठजोड़ का सवाल ही नहीं है, इसलिए इस बार गंभीर चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं होगा।

राजनीतिक विश्लेषक दिलीप गोहिल का मानना है कि त्रिकोणीय मुकाबला होगा, लेकिन सभी सीटों पर ऐसा नहीं होगा। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आप कितने गंभीर और प्रभावशाली उम्मीदवार उतारती है। उनका कहना है कि हाल ही में आप ने 10 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, जिनमें से केवल तीन उम्मीदवार ही भाजपा या कांग्रेस उम्मीदवारों को टक्कर दे सकते हैं, बाकी पूरी तरह से नए चेहरे हैं।

गोहिल का कहना है कि भाजपा ने आप को एक गंभीर खतरे के रूप में लेना शुरू कर दिया है और अगर आप की मुफ्त सुविधाएं वाला फॉर्मूला काम करता तो यह दोनों राष्ट्रीय दलों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। चुनाव आयोग के आंकड़े बताते हैं कि चुनावों में तीसरे पक्ष की मौजूदगी ने हमेशा कांग्रेस के वोट बैंक को नुकसान पहुंचाया है। 2012 में पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत केशुभाई पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात परिवर्तन पार्टी ने आठ सीटों पर भाजपा और पांच सीटों पर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया था।

2017 के विधानसभा चुनावों में बसपा और राकांपा कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहती थीं, लेकिन उनकी सीट बंटवारे की उम्मीदें बहुत अधिक थीं। बसपा ने 25 सीटों की मांग की थी और राकांपा ने छह सीटों की मांग की थी, जिस पर कांग्रेस राजी नहीं हुई। जैसा कि चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है, बसपा ने 138 सीटों पर और राकांपा ने 57 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिससे कांग्रेस उम्मीदवारों की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा। बसपा एक भी सीट नहीं जीत सकी, जबकि एनसीपी सिर्फ एक सीट जीत सकी, लेकिन दोनों ने मिलकर 12 सीटों को नुकसान पहुंचाया, जहां कांग्रेस उम्मीदवारों को मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

(आईएएनएस)

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Created On :   13 Aug 2022 10:30 AM GMT

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