भारत को निर्वाचित निरंकुशता में तब्दील किए जाने से रोकेंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा शीतकालीन सत्र से पहले दो अध्यादेश जारी किए जाने के बाद विपक्ष ने आंदोलन तेज कर दिया है और कहा है कि वे संसद में अध्यादेशों को कानून में बदलने का विरोध करेंगे। तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वह देश को निर्वाचित निरंकुशता में तब्दील नहीं होने देगी। तृणमूल नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा, दो बेशर्म अध्यादेश ईडी और सीबीआई निदेशक के कार्यकाल को 2 से 5 साल तक बढ़ाते हैं। संसद का शीतकालीन सत्र अब से दो सप्ताह बाद शुरू होना है। निश्चिंत रहें, विपक्षी दल भारत को निर्वाचित निरंकुशता की तरफ मुड़ने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
तृणमूल ने आरोप लगाया कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, 17वीं लोकसभा में प्रति 10 विधेयक अध्यादेशों की संख्या बढ़कर 3.7 बिल हो गई है, 16वीं लोकसभा में यह प्रति 10 विधेयक 3.5 थी। पहले के 30 साल में प्रति 10 विधेयक पर 1 अध्यादेश आता था और उसके बाद के 30 वर्षो में यह संख्या हर 10 विधेयक पर 2 रहा करती थी। केंद्र सरकार ने सोमवार को गृह सचिव, रक्षा सचिव, खुफिया ब्यूरो के निदेशक और अनुसंधान एवं विश्लेषण विंग के सचिव का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की ओर से 15 नवंबर को जारी गजट अधिसूचना के मुताबिक, इन अधिकारियों का कार्यकाल पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है। गजट अधिसूचना में कहा गया है, केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों का दो साल का कार्यकाल होता है, लेकिन सरकार अब मामलों के आधार पर कार्यकाल तीन साल बढ़ा सकती है। केंद्र सरकार ने रविवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशकों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने के लिए इसी आशय की एक अधिसूचना जारी की है। केंद्र ने 27 मई को इंटेलिजेंस ब्यूरो चीफ अरविंद कुमार और सचिव, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग, सामंत कुमार गोयल का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया था। इसी तरह केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला का कार्यकाल भी 12 अगस्त, 2021 को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था।
(आईएएनएस)
Created On :   15 Nov 2021 9:00 PM IST