शरद पवार के इस्तीफे के बाद कौन बनेगा एनसीपी का बॉस, बेटी सुप्रिया और भतीजे अजित पवार का नाम सबसे ऊपर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने बड़ा फैसला लेते हुए पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। उनके इस फैसले से महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक की राजनीति में खलबली मच गई। आज मुंबई में अपनी किताब के विमोचन के कार्यक्रम में पवार ने कहा कि वे पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे। उन्होंने कहा, 'मेरे साथियों, भले ही मैं अध्यक्ष पद से हट रहा हूं, लेकिन मैं सार्वजनिक जीवन से रिटायर नहीं हो रहा हूं। 'निरंतर यात्रा' मेरे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। मैं सार्वजनिक कार्यक्रमों, बैठकों में भाग लेता रहूंगा। चाहे मैं पुणे, मुंबई, बारामती, दिल्ली या भारत के किसी भी हिस्से में रहूं, मैं हमेशा की तरह। उनके इस फैसले के बाद पार्टी में भूचाल आ गया। अपना फैसला वापस लेने के लिए पार्टी के नेता और कार्यकर्ता पवार को मनाने लगे।
सच हुई सुप्रिया की बात!
पवार के इस्तीफे के बाद उनकी बेटी सुप्रिया सुले की वह बात सच होती दिख रही है जो कि उन्होंने कुछ दिन पहले कही थी। दरअसल, पार्टी में चल रही खींचतान पर जब सुले से पूछा गया तो उन्होंने कहा था आने वाले 15 दिनों में दो सियासी धमाके होंगे। जिनमें से एक महाराष्ट्र तो दूसरा केंद्र की सियासत में होगा। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक सुप्रिया सुले का इशारा शायद पवार के इस्तीफे की ओर ही था। हालांकि उनका कहा दूसरा सियासी धमाका जो कि दिल्ली में होगा वह अभी भविष्य में छुपा है।
कौन होगा नया अध्यक्ष?
शरद पवार की इस घोषणा के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि अब उनकी जगह कौन पार्टी की कमान संभालेगा। क्योंकि शरद पवार ने पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है। अगर बात करें उन नामों की जो पवार की जगह पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं तो इसमें दो नाम सबसे ऊपर आते हैं। पहला नाम उनकी बेटी सुप्रिया सुले और दूसरा नाम भतीजे अजित पवार का आता है।
हालिया समय में महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर डालें तो इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि अजित पवार राज्य की सत्ता पर काबिज बीजेपी और शिवसेना(शिंदे गुट) के साथ शामिल होकर गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। क्योंकि वह 2019 में देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर ऐसा कर भी चुके हैं। हालांकि अजीत ने इन अटकलों पर विराम यह कहते हुए लगा दिया था वो अंतिम सांस तक एनसीपी में ही रहेंगे और पार्टी के लिए काम करते रहेंगे।
बावजूद इसके कुछ समय बाद इन अटकलों ने एक बार फिर हवा ये कहते हुए दी कि वह 100 फीसदी महाराष्ट्र का सीएम बनना चाहते हैं। उनके इस बयान को उनकी सियासी महत्वकांक्षा के रूप में देखा गया। साथ ही पार्टी के आला नेताओं को उनका संदेश में माना गया। वहीं बात करें पार्टी के विधायकों की तो इनमें से कई अजीत के इन बयानों से सहमत भी दिखते हैं लेकिन देखने वाली बात ये होगी कि पार्टी के अंदर उनके इन बयानों के चलते उन्हें कितनी स्वीकार्यता मिलती है। क्योंकि सुप्रिया सुले पवार की बेटी होने के नाते पार्टी कैडर में उनकी सहज उत्तराधिकारी मानी जाती हैं। इसके अलावा 2019 विधानसभा चुनाव के बाद जब अजित पवार ने पार्टी से बगावत करते हुए बीजेपी की सरकार बनाई थी तब सुप्रिया सुले ही अपने पिता शरद पवार के साथ मिलकर बागी हुए अपने चचेरे भाई अजित पवार और बाकी विधायकों को वापस पार्टी में लेकर आई थीं। जिसके बाद राज्य में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी ने साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार बनाई थी। सुप्रिया ने उस वक्त जिस तरीके से पार्टी में चल रही सियासी उठापटक को संभाला था उससे उनका कद पार्टी में कद बहुत बढ़ गया था। तब पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में यह बात होने लगी थीं कि सुप्रिया ही पवार की विरासत को आगे ले जाने वाली मजबूत दावेदार हैं।
अजित पवार की राजनीतिक महत्वकांक्षा
अजित पवार ने आज शरद पवार के फैसले को लेकर हुई बैठक में ऐसे बयान दिए जिनसे उनकी राजनीतिक महत्वकांक्षा उजागर होती है। पवार को अपने अध्यक्ष पद का फैसला वापस लेने के लिए मनाने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं से अजित ने कहा कि वह शरद पवार से उनका फैसला वापस लेने के लिए बार-बार न कहें। उन्होंने पद छोड़ा है पार्टी नहीं। इस दौरान अजित ने कहा कि अब समय आ गया है जब पार्टी में युवा नेतृत्व को जगह दी जाए।
Created On :   2 May 2023 4:02 PM IST