यूपी चुनाव टलने पर बीजेपी और सपा को कितने फायदे या नुकसान ? हाईकोर्ट जज की अपील पर सियासत हुई गरम
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार-प्रसार में पूरी ताकत के साथ जुट गए हैं। बीजेपी जहां अपने पांच साल के कार्यकाल में हुए विकास कार्यो को लेकर जनता के बीच जा रही है तो वहीं सपा व अन्य दल बीजेपी को रोजगार, महंगाई, स्वास्थ्य व महिला सुरक्षा आदि को लेकर घेर रही हैं। इसी बीच कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने प्रदेश में दश्तक देकर चिंता बढ़ा दी है। इसी संभावित खतरे को देखते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से चुनाव टालने की अपील की थी। इस पर चुनाव आयोग ने स्थिति का जायजा लेने के लिए अगले सप्ताह यूपी के दौरे पर आने की बात कही है। हालांकि अब इस मामले ने यूपी की राजनीतिक माहौल को गरम कर दिया है।
सपा के वरिष्ठ नेता दिया ये बयान
आपको बता दें कि अगले कुछ महीनों के अंदर प्रस्तावित चुनाव को टालने की अपील के बीच समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता और राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने ओमिक्रॉन को गंभीर खतरा नहीं बताते हुए इसे बीजेपी का चुनावी हथकंडा करार दिया है। रामगोपाल ने कहा कि कोर्ट ने बिना किसी की अपील के ऐसी बात क्यों कही? पब्लिक बीजेपी के खिलाफ है और इसी वजह से चुनाव को टालने का हथकंडा रचा जा रहा है। हालांकि इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में अब अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं।
अखिलेश दे रहे है बीजेपी को चुनौती?
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जनता के मन में सत्तारूढ़ पार्टी को लेकर कई तरह के भेद पैदा हो जाते हैं और अखिलेश यादव अभी प्रदेश में बीजेपी को प्रमुख तौर पर चुनौती दे रहे हैं। अखिलेश की रैलियों में भी जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है, इस बार चुनावी माहौल कुछ अलग सा दिखाई दे रहा है। हालांकि अगले 2-3 महीने महत्वपूर्ण साबित होंगे। बता दें कि 2017 में हुए चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर यूपी विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल किया। वहीं अखिलेश की अगुवाई ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन ने केवल 54 सीटें जीत सकी थी। इसके अलावा बसपा केवल 19 सीटों पर सिमट गई थी।
राजनीतिक जानकारों ने कही ये बात
आपको बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के साथ बातचीत में कहा कि हाई कोर्ट के जिस जज ने ऐसी अपील की है, वह पहले भी अपने दायरे से बाहर जाकर बातें कहते रहे हैं। और अभी उत्तर प्रदेश में कोरोना की स्थिति गंभीर नहीं है। कोरोना का खतरा हो तो भी सावधानी बरतते हुए चुनावी प्रक्रिया संपन्न कराने में और चुनाव को ही टाल देने में काफी अंतर है। मुझे नहीं लगता कि सावधानी के साथ चुनाव संपन्न कराए जाने में किसी तरह की समस्या आएगी। अपने देश का चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है, जैसे कि सुप्रीम कोर्ट लेकिन अगर किसी सरकार की तरफ से दबाव बनाया जाता है तो यह काफी गलत संदेश होगा।
चुनाव आयोग करेगा यूपी चुनाव पर समीक्षा
आपको बता दें कि चुनाव आयोग की टीम उत्तर प्रदेश आ रही है। टीम 28 व 29 दिसंबर के बीच उत्तर प्रदेश में रहेगी। इस दौरान प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को लखनऊ बुलाया गया है। अधिकारियों के साथ बैठक करके चुनाव आयोग, चुनाव पर चर्चा करेगा। फीडबैक के आधार पर चुनावों को टालने का फैसला लिया जा सकता है।
Created On :   26 Dec 2021 12:42 AM IST