'हमें नहीं बुलाते' सियासी राजनीति में नाराजगी का नया अंदाज, जिसने पलट दी सरकार
डिजिटल डेस्क, लखनऊ, आनंद जोनवार। हमें नहीं बुलाते... ये वाक्य मैं नहीं बल्कि सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने बोलकर समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए निशाना साधा है। दरअसल राजभर ने सपा पर नजरअंदाज करने का आरोप लगाया हैं। राजभर का कहना है कि अखिलेश की समाजवादी पार्टी को शायद अब हमारी जरूरत नहीं हैं। सपा वाले प्रेस वार्ता में जयंत चौधरी को तो बुला लेते हैं, लेकिन ओपी राजभर को नहीं बुलाते। राज्यसभा चुनाव आया तो राज्यसभा जयंत चौधरी को दे देना, एमएलसी चुनाव में हमें न पूछना। उनकी तरफ से नजरअंदाज करने वाली चीजें हो रही हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता को हमारी जरूरत नहीं है। प्रेस वार्ता में जयंत चौधरी को बुला लेते हैं, लेकिन ओपी राजभर को न बुलाना। राज्यसभा चुनाव आया तो राज्यसभा जयंत चौधरी को दे देना, MLC चुनाव में हमें न पूछना। उनकी तरफ से नजरअंदाज करने वाली चीजें हो रही हैं: SBSP अध्यक्ष ओपी राजभर pic.twitter.com/9dymaYOsxb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 15, 2022
ओ.पी. राजभर ने आगे कहा कि सीएम योगी ने मुझे बुलाकर कहा कि आप पिछड़े, दलित, वंचित की लड़ाई लड़ते हैं। आप द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें। मैंने उनसे मुलाकात की। जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई। उनसे बात होने के बाद हमने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान किया है।
CM योगी ने मुझे बुलाकर कहा कि आप पिछड़े, दलित, वंचित की लड़ाई लड़ते हैं। आप द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें। मैंने उनसे मुलाकात की। जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई। उनसे बात होने के बाद हमने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान किया है: SBSP के अध्यक्ष ओ.पी. राजभर, लखनऊ pic.twitter.com/D3WKKb4KgX
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 15, 2022
हमें नहीं बुलाया.. ये वाक्य बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष व पूर्व सीएम मायवाती ने विपक्ष को लेकर तब कहा जब उन्होंने एनडीए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया। दरअसल बीएसपी चीफ ने कहा जब विपक्ष राष्ट्रपति उम्मीदवार ने नाम पर मंथन कर रहा था, तब हमें नहीं बुलाया। हालांकि बसपा प्रमुख ने कहा द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी समुदाय से आती हैं, और हमारी बसपा पार्टी हमेशा से आदिवासी हितैषी और कल्याणकारी रही हैं। इसलिए बीएसपी मुर्मू को समर्थन कर रही हैं।
महाराष्ट्र में चले सियासी घमासान के पीछे की वजह भी एकनाथ शिंदे गुट ने हमें नहीं बुलाया जाता, हमारी अनदेखी की जाती है जैसे अनेक आरोप शिवेसना प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर लगाए थे, जिसका ये परिणाम हुआ कि शिवसेना पार्टी के दर्जनभर जनप्रतिनिधियों ने पार्टी से बगावत कर सरकार गिरा दी, और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बीजेपी सहयोग से शिंदे सरकार बना ली।
Created On :   15 July 2022 10:44 AM IST