डब्ल्यूबीएसएससी घोटाला: ईडी से पूछताछ का सामना कर रहे पार्थ चटर्जी के दामाद
- डब्ल्यूबीएसएससी घोटाला: ईडी से पूछताछ का सामना कर रहे पार्थ चटर्जी के दामाद
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी के दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सोमवार दोपहर से करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाला मामले में पूछताछ कर रहा है।
भट्टाचार्य दोपहर करीब 2.30 बजे साल्ट लेक स्थित केंद्र सरकार के कार्यालय (सीजीओ) परिसर में ईडी के कार्यालय पहुंचे। सोमवार को रात करीब 10 बजे तक उससे पूछताछ जारी थी। ईडी के सूत्रों ने कहा कि भट्टाचार्य, जो वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं और उनकी पत्नी और चटर्जी की बेटी सोहिनी चटर्जी भट्टाचार्य के साथ पूछताछ के लिए कोलकाता आने के लिए दो बार तलब किया गया था। हालांकि, उन्होंने तब दोनों समन को टाल दिया था।
हालांकि, वह शनिवार को कोलकाता पहुंचे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने ईडी को सतर्क किया। ईडी के अधिकारियों ने तुरंत उनसे संपर्क किया और उन्हें सोमवार दोपहर तक अपने साल्ट लेक कार्यालय में उपस्थित रहने के लिए कहा, और उन्होंने इसका अनुपालन किया। पता चला है कि भट्टाचार्य से ईडी दो कनेक्शनों में पूछताछ कर रही है।
पहला पश्चिमी मिदनापुर जिले के पिंगला में एक अंतरराष्ट्रीय श्रेणी के स्कूल से संबंधित है, जिसका नाम पार्थ चटर्जी की मृत पत्नी बबली चटर्जी के नाम पर बीसीएम इंटरनेशनल स्कूल है, जहां वह अध्यक्ष हैं। ईडी के अधिकारियों को संदेह है कि डब्ल्यूबीएसएससी भर्ती अनियमितताओं का एक हिस्सा स्कूल में निवेश किया गया था।
ईडी उनसे तीन कंपनियों इम्प्रोलाइन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, एचआरआई वेल्थ क्रिएशन रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और एक्रीसियस कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड के संबंध में भी पूछताछ कर रही है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के रिकॉर्ड के अनुसार, जबकि भट्टाचार्य प्रबंध निदेशक हैं। एक्रीसियस कंसल्टिंग में, शेष दो कंपनियों में, वह एक साधारण निदेशक हैं।
ईडी सूत्रों ने बताया कि एचआरआई वेल्थ क्रिएशन रियल्टर्स एंड इम्प्रोलाइन कंस्ट्रक्शन में दूसरे निदेशक कृष्ण चंद्र अधिकारी हैं, जो भट्टाचार्य के मामा हैं और पश्चिम मिदनापुर के पिंगला के रहने वाले हैं। ईडी के अधिकारियों को संदेह है कि ये तीनों फर्जी कंपनियां हैं जो घोटाले की आय को अलग-अलग चैनलों पर भेजने के इरादे से बनाई गई हैं।
आईएएनएस
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Created On :   26 Sept 2022 11:00 PM IST