विधायी कार्य को लेकर पंजाब के राज्यपाल, मुख्यमंत्री के बीच वाकयुद्ध

War of words between Punjab Governor, Chief Minister over legislative work
विधायी कार्य को लेकर पंजाब के राज्यपाल, मुख्यमंत्री के बीच वाकयुद्ध
पंजाब विधायी कार्य को लेकर पंजाब के राज्यपाल, मुख्यमंत्री के बीच वाकयुद्ध

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शनिवार को सरकार और राज्यपाल कार्यालय के बीच चल रहे वाकयुद्ध को लेकर कहा कि यह निंदनीय है कि राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने 27 सितंबर को प्रस्तावित विधानसभा सत्र के लिए विधायी कार्य का विवरण मांगा है।

उनका बयान राज्यपाल द्वारा 27 सितंबर को सरकार द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र में किए जाने वाले विधायी कार्य का विवरण मांगने के मद्देनजर आया है।इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, पिछली राज्य सरकार में विपक्ष के नेता रहे चीमा ने कहा कि राज्यपाल का कार्यालय पंजाब के काम में लगातार हस्तक्षेप कर रहा है और एक निर्वाचित आप सरकार को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दे रहा है।

मैं राज्यपाल से अपने कार्यालय के रिकॉर्ड की जांच करने और लोगों को यह बताने के लिए कहना चाहता हूं कि कितने राज्यपालों ने सत्तारूढ़ सरकार से विधानसभा सत्र बुलाने के उद्देश्य के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कहा है। आज तक, किसी राज्यपाल ने ऐसा नहीं किया। केवल वह कर रहे हैं इसलिए, क्योंकि वह भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं।

राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में कथित वाक युद्ध का जवाब देते हुए कहा, आज के समाचार पत्रों में आपके बयानों को पढ़ने के बाद, मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि शायद आप मुझसे बहुत ज्यादा नाराज हैं। मुझे लगता है कि आपका कानूनी सलाहकार आपको पर्याप्त जानकारी नहीं दे रहे हैं।

शायद मेरे बारे में आपकी राय संविधान के अनुच्छेद 167 और 168 के प्रावधानों को पढ़ने के बाद निश्चित रूप से बदल जाएगी, जिसे मैं आपके संदर्भ के लिए उद्धृत कर रहा हूं।वित्त मंत्री चीमा ने राज्यपाल कार्यालय के माध्यम से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार को रोकने की कोशिश करने के लिए भाजपा पर हमला किया और कहा कि भाजपा दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आप की बढ़ती लोकप्रियता से डर रही है।

उन्होंने कहा कि आप लोगों के कल्याण के लिए समर्पित रूप से काम कर रही है और दिल्ली और पंजाब के बाद अब अन्य राज्यों में बदलाव की लहर है।आप आगामी चुनावों में भाजपा के लिए एक बड़ा खतरा बन रही है और इसलिए वे अब डरे हुए हैं।

चीमा ने मीडिया को बताया कि महाराष्ट्र, गोवा और अरुणाचल प्रदेश जैसे कई राज्यों में भाजपा ने अपने कुटिल ऑपरेशन लोटस के तहत सत्तारूढ़ विधायकों को खरीद कर सरकारों को गिरा दिया।वे सीबीआई, ईडी और पैसों के जरिए विपक्षी विधायकों को धमका रहे हैं। वे लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं।

चीमा ने कहा, लेकिन इस अभियान को आप ने पहले दिल्ली में और अब पंजाब में रोक दिया है। इसके चलते भाजपा ने अब एक और हथकंडा अपनाया है और आप को रोकने के लिए राज्यपाल के कार्यालय का इस्तेमाल कर रही है।उन्होंने विपक्ष पर भी हमला बोला और कहा कि कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल का आप के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे विधानसभा सत्र में किसी भी बहस से भाग रहे हैं।उन्होंने कहा, वे नहीं चाहते कि चुनी हुई सरकार पंजाबियों के कल्याण के लिए काम करे।मुख्यमंत्री मान ने स्पष्ट किया कि विधायिका के किसी भी सत्र से पहले राज्यपाल या राष्ट्रपति की सहमति एक औपचारिकता है।

 

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Created On :   24 Sept 2022 7:30 PM IST

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