यूपी चला वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनने की राह पर, योगी सरकार का मेगा बजट यूपी के लिए क्या कुछ करने वाला है!
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने विधानसभा के पहले सत्र में अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। योगी सरकार ने गुरूवार को 6,15,518.97 करोड़ रुपए (6 लाख 15 हजार 518 करोड़, 97 लाख रुपए) का बजट पेश किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह बजट 25 करोड़ प्रदेश की जनता की जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। यह बजट समाज के प्रत्येक तबके को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने यूपी 2022-विधानसभा चुनाव से पहले एक लोक संकल्प पत्र जारी किया था। जिसमें 130 संकल्पों को शामिल किया था। उनमें में से पहले बजट में 97 संकल्पों को पहले बजट में शामिल किया है, इसके लिए 44 संकल्प नए हैं। सीएम योगी ने पूरे मंत्रिमंडल का धन्यवाद देते हुए कहा कि हम एक ट्रिलियन इकोनॉमी को पूरा करने में सहभागी बनेंगे। योगी सरकार की इस बजट के बाद यूपी की सियासत में कयास लगाए जा रहे हैं कि यूपी सरकार वन ट्रिलियन अर्थव्यस्था की राह पर चल पड़ा है या नहीं? आइए जानते हैं बजट भाषण के कुछ अंश...
जब वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट भाषण में पढ़ा शेर
अक्सर देखा जाता है कि जब भी सदन की कार्यवाही चलती है तो सदन के सदस्य शायरी से अपने बातों की शुरूआत या फिर अंत करते हैं। कुछ ऐसे ही गुरूवार को यूपी सरकार में वित्त मंत्री रहे सुरेश खन्ना अपने नए अंदाज में शायरी बोलकर बजट भाषण का समापन किया।
मेरे जुनूं से नतीजा जरूर निकलेगा,
इसी स्याह समंदर से नूर निकलेगा।
इससे पहले उन्होंने कहा कि हमने अपने संसाधनों को विभिन्न क्षेत्रों की योजनाओं को इस तरह से आवंटित किया है कि न केवल उन क्षेत्रों का विकास हो, बल्कि विभिन्न क्षेत्र भी समग्र विकास में योगदान करें। उन्होंने कहा कि हम अपराधियों के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। साथ ही बच्चो, युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाएंगे। वित्तमंत्री ने आगे कहा कि हम कृषि विनिर्माण, अवस्थापना, औद्योगिक विकास, शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे।
ऐसे भरेगा सरकार का खजाना
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अबकी बार राज्य वस्तु एवं सेवा कर और मूल्य संवर्धित कर से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 1,24,477 करोड़ रूपए निर्धारित किया गया है।
आबकारी शुल्क से 49,152 करोड़ रुपए
स्टाम्प एवं पंजीकरण से 29,692 करोड़ रुपए
वाहन कर से 10,887 करोड़ रुपए का लक्ष्य है।
अब बजट अनुमान की बात करें तो इस बार पेश बजट का आकार 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख यानी 6,15,518.97 करोड़ रुपए है। इसमें 39,181.10 करोड़ रुपए की नई योजनाएं को सम्मिलित किया गया है। सरकार का अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष में 5,90,951.71 करोड़ रुपए की प्राप्तियां होंगी।
सरकार को सबसे ज्यादा मिलेगी राजस्व प्राप्तियां
यूपी सरकार के अनुमान के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में 5,90,951.71 करोड़ रुपए की प्राप्तियां होंगी। बताया जा रहा है कि इसमें 4,99,212.71 करोड़ की राजस्व प्राप्तियां होंगी। जबकि बाकी 91,739 करोड़ रुपए की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। गौरतलब है कि इन राजस्व प्राप्तियों में राजस्व का अंश 3,67,153.76 करोड़ रुपए है। इसमें यूपी का कर राजस्व 2,20,655 करोड़ रुपए और केंद्रीय करों में राज्य का अंश 1,46,498.76 शामिल है।
सरकार के इतने खर्च का अनुमान
योगी सरकार के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष में कुल 6,15,518.97 करोड़ रुपए खर्च अनुमानित है। जिनमें राजस्व लेखे का खर्च 4,56,089.06 करोड़ रुपए है। जबकि 91,739 करोड़ रुपए पूंजी लेखे का व्यय है। सरकार के अनुसार कुल खर्च घटाने के बाद 24,567.26 करोड़ का घाटा अनुमानित है। सरकार के अनुसार लोक लेखे से 6000 करोड़ रुपए की शुद्ध प्राप्तियां अनुमानित हैं। वहीं सरकार का पूरे लेन देन के बाद 18,567.26 करोड़ रुपए ऋणात्मक अनुमानित है।
जानें राजकोषीय घाटा
गौरतलब है कि शुरूआती शेष 40,550.03 करोड़ रुपए के हिसाब में जोड़ दिया जाए तो अंतिम शेष 21,982.77 करोड़ रुपए अनुमानित है। सरकार की राजस्व बचत 43,123.65 करोड़ रुपए अनुमानित है, वहीं राजकोषीय घाटा 81 हजार 177 करोड़ 97 लाख रुपए (81,177.97 करोड़ रुपए) अनुमानित है। जो वर्ष के लिए अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 3.96 प्रतिशत है।
Created On :   26 May 2022 6:17 PM IST