अब अपराधी बाहर, पत्नियां अंदर
- यूपी चुनाव: अब अपराधी बाहर
- पत्नियां अंदर
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। अपराधियों को टिकट देने को लेकर समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला होने के बावजूद भाजपा ने खुद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दो दोषी अपराधियों की पत्नियों को मैदान में उतारा है। पत्नियों को उन सीटों पर उतारा गया है जो उनके पतियों ने पांच साल पहले जीती थीं। बीजेपी ने जहां ऐसी दो पत्नियों को मैदान में उतारा है, वहीं कांग्रेस ने एक को टिकट दिया है।
भाजपा ने अलीगढ़ शहर से संजीव राजा की पत्नी मुक्ता राजा को मैदान में उतारा है। पुलिस के अनुसार, पहली बार विधायक चुने गए राजा को पिछले नवंबर में एक पुलिसकर्मी पर हमला करने के 22 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया गया था और दो साल जेल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, उसी दिन अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। भाजपा के अलीगढ़ जिला अध्यक्ष ऋषि पाल सिंह ने कहा कि चूंकि राजा को उनके मामले में अदालत से राहत नहीं मिली, इसलिए पार्टी ने उनकी पत्नी को उनकी सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया।
फैजाबाद की एक अदालत ने पिछले साल दिसंबर में इंद्र प्रताप उर्फ खब्बू तिवारी को जालसाजी के एक मामले में पांच साल कैद की सजा सुनाई थी। सूत्रों के मुताबिक, उनके खिलाफ 1992 में एक कॉलेज के प्रिंसिपल ने 1990 में फर्जी मार्कशीट का इस्तेमाल कर एडमिशन लेने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। प्रताप के साथ दो और लोगों को दोषी ठहराया गया था। अयोध्या के गोसाईगंज से खब्बू तिवारी की पत्नी आरती को बीजेपी का टिकट दिया गया है।
बीजेपी के अयोध्या जिलाध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा, यह पार्टी का फैसला है। उम्मीदवारों का चयन कई कारणों पर विचार करने के बाद किया जाता है। तीसरा दोषी विधायक जिसकी पत्नी को टिकट दिया गया है, वह अशोक सिंह चंदेल है, जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 22 साल पुराने एक हत्या के मामले में अप्रैल 2019 में आठ अन्य लोगों के साथ दोषी ठहराया था। चार बार के विधायक और एक बार के सांसद रहे चंदेल को निचली अदालत ने 2002 में सबूतों के अभाव के लिए बरी कर दिया था।
हालांकि, हाईकोर्ट ने बरी कर दिया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कांग्रेस ने अब उनकी पत्नी राज कुमारी को हमीरपुर जिले से टिकट दिया है।
आईएएनएस
Created On :   1 Feb 2022 11:30 AM IST