हत्या मामले में केंद्रीय मंत्री बरी: सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार की अपील को ट्रांसफर करने से इनकार

Union minister acquitted in murder case: Supreme Court refuses to transfer UP governments appeal
हत्या मामले में केंद्रीय मंत्री बरी: सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार की अपील को ट्रांसफर करने से इनकार
दिल्ली हत्या मामले में केंद्रीय मंत्री बरी: सुप्रीम कोर्ट का यूपी सरकार की अपील को ट्रांसफर करने से इनकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें दो दशक से अधिक पुराने हत्याकांड में उन्हें बरी किए जाने को चुनौती देने वाली यूपी सरकार की अपील को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ से स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

हालांकि जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने हाईकोर्ट से कहा कि वो 10 नवंबर 2022 को अजय मिश्रा टेनी के मामले की सुनवाई करे। ध्यान रहे कि हाईकोर्ट ने इसी तिथि को टेनी की अपील पर सुनवाई के लिए तारीख दी थी। दोनों तरफ के सीनियर वकीलों ने प्रयागराज बेंच के फैसले पर सहमति जताई थी। हत्या का मामला 22 साल पुराना है। इसमें वो बरी हो चुके हैं। पीठ ने कहा कि यदि वरिष्ठ वकील लखनऊ आने में असमर्थ हैं तो उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दलीलें पेश करने की अनुमति देने के अनुरोध पर हाईकोर्ट विचार कर सकती है। हम इस तरह के मामलों पर विचार नहीं करते हैं। 10 नवंबर को होने वाली अपील की सुनवाई को लेकर हाईकोर्ट से आग्रह किया जा सकता है।

वकील ने पीठ को बताया कि स्थानांतरण की मांग इस आधार पर की गई है कि वरिष्ठ वकील, जिन्हें लखनऊ में मामले की बहस करनी है, वे आमतौर पर इलाहाबाद में रहते हैं। उनकी उम्र अधिक है, इसलिए वे बहस के लिए लखनऊ नहीं जा सकते हैं।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा: शिकायतकर्ता द्वारा तत्काल रिट याचिका दायर कर यह निर्देश देने की मांग की गई है कि जो मामला उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है और जिसे बार-बार स्थगित किया जा रहा है, उसे जल्द से जल्द सूचीबद्ध और सुनवाई के लिए निर्देशित किया जाए। यह भी प्रस्तुत किया जाता है कि अपील वास्तव में मार्च 2018 के महीने में सुनी गई थी। हालांकि, अप्रैल 2022 तक, कोई निर्णय नहीं दिया गया था, शिकायतकर्ता की ओर से अपील की सुनवाई के लिए अनुरोध किया गया।

मिश्रा ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा पारित प्रशासनिक आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसमें अपील को लखनऊ से इलाहाबाद स्थानांतरित करने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया गया। मामला साल 2000 में लखीमपुर खीरी में हुई 24 वर्षीय प्रभात गुप्ता की हत्या से जुड़ा है।

अजय मिश्रा, गुप्ता की हत्या में मुकदमे का सामना कर रहे थे, लेकिन निचली अदालत ने 2004 में उन्हें और अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। मिश्रा के बरी होने के बाद राज्य ने अपील दायर की और मृतक के परिवार ने भी फैसले के खिलाफ एक अलग पुनरीक्षण याचिका दायर की।

 

 

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Created On :   26 Oct 2022 6:30 PM IST

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