सीएम पद छोड़ने से पहले उद्धव ने कांग्रेस-एनसीपी से सलाह नहीं ली
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के भीतर मतभेदों को उजागर करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार ने मंगलवार को दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने 10 महीने पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, दोनों सहयोगियों- एनसीपी और कांग्रेस से परामर्श किए बिना। पवार का बयान जून 2022 में शिवसेना में विभाजन के कारण राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल से संबंधित था, जिसके बाद शिवसेना अध्यक्ष ठाकरे ने 28 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
एक निजी मराठी टीवी चैनल पर पवार की टिप्पणियों के बाद शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष ठाकरे और सांसद संजय राउत मंगलवार देर रात एनसीपी प्रमुख से मिलने उनके घर पहुंचे। 75 मिनट की लंबी बैठक में क्या हुआ, यह अभी भी स्पष्ट नहीं है, हालांकि एनसीपी ने तुरंत पवार, सांसद सुप्रिया सुले, ठाकरे और राउत की तस्वीरें जारी कीं, सभी हंसमुख और तनावमुक्त दिख रहे थे। पवार ने कहा, उन्हें (ठाकरे को) अपने समर्थक दलों को भरोसे में लेना चाहिए था। अपने रुख को सही ठहराते हुए पवार ने बताया कि तीन पार्टियां संयुक्त रूप से इस सब में शामिल थीं, एमवीए शासन के 10 महीने बाद इस मुद्दे को उठाया गया था।
पवार ने कहा, अगर कोई इस्तीफा देने का फैसला करता है, तो उसका अधिकार है। लेकिन गठबंधन में अन्य भागीदारों से परामर्श किया जाना चाहिए था। बिना चर्चा के निर्णय लेने के परिणाम होते हैं। इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि उस समय कोई चर्चा नहीं हुई थी। दिलचस्प बात यह है कि पवार का बयान शिवसेना के विभाजन और संबंधित मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले आया है।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   11 April 2023 7:00 PM GMT