तृणमूल कांग्रेस ने की एफआईआर के खिलाफ शुभेंदु अधिकारी को संरक्षण देने वाले जज की आलोचना

Trinamool Congress criticizes judge who protected Shubhendu Adhikari against FIR
तृणमूल कांग्रेस ने की एफआईआर के खिलाफ शुभेंदु अधिकारी को संरक्षण देने वाले जज की आलोचना
राजनीति तृणमूल कांग्रेस ने की एफआईआर के खिलाफ शुभेंदु अधिकारी को संरक्षण देने वाले जज की आलोचना

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की आलोचना की, जिन्होंने प्राथमिकी के खिलाफ विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को संरक्षण प्रदान किया था। तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और पार्टी प्रवक्ता घोष ने आरोप लगाया कि न्यायमूर्ति मंथा द्वारा प्रदान संरक्षण के कारण विपक्ष के नेता गैरजिम्मेदार हो गए हैं।

घोष ने कहा, न्यायिक प्रणाली के प्रति मेरा पूरा सम्मान है। लेकिन जिस तरह से न्यायमूर्ति मंथा ने शुभेंदु अधिकारी को एफआईआर से सुरक्षा प्रदान की, वह अलोकतांत्रिक और पक्षपातपूर्ण था। इसने सुवेंदु अधिकारी को लापरवाह बना दिया, जैसा कि उनके कंबल वितरण कार्यक्रम में भगदड़ से स्पष्ट था। आसनसोल में बुधवार शाम को हुई भगदड़ में तीन लोगों की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति मंथा को इस घटना की जिम्मेदारी लेनी होगी।

8 दिसंबर को जस्टिस मंथा ने अधिकारी के खिलाफ राज्य के अलग-अलग थानों में दर्ज सभी 26 एफआईआर पर रोक लगा दी थी, साथ ही राज्य पुलिस को अदालत की पूर्व स्वीकृति के बिना विपक्ष के नेता के खिलाफ कोई नई प्राथमिकी दर्ज करने से भी रोक दिया था।

घोष ने कहा कि पुलिस को अधिकारी और कंबल वितरण कार्यक्रम के सभी आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए। इससे पहले घोष ने दावा किया था कि अधिकारी किसी भी कानूनी मामले में हमेशा न्यायमूर्ति मंथा की पीठ के पास जाना पसंद करते हैं।

उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि भविष्य में न्यायमूर्ति मंथा इस संबंध में अपने फैसलों की समीक्षा करेंगे, मैं न्यायिक प्रणाली की आलोचना नहीं कर रहा हूं। मैं सिर्फ एक विशेष मामले में न्यायाधीश के कुछ फैसलों पर आपत्ति जता रहा हूं। यह पहली बार नहीं है जब घोष ने किसी न्यायाधीश की आलोचना की है।

इससे पहले घोष ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की आलोचना की थी, जब उन्होंने कहा था कि वह भारत के चुनाव आयोग को एक राजनीतिक दल के रूप में तृणमूल कांग्रेस की मान्यता रद्द करने की सलाह दे सकते हैं।

उस समय घोष ने आरोप लगाया था कि न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय अपने सेवानिवृत्ति के बाद के राजनीतिक जीवन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अपनी छवि को प्रोजेक्ट करने की कोशिश कर रहे थे।

 

 (आईएएनएस)।

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Created On :   15 Dec 2022 2:00 PM IST

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