तृणमूल और आप की राहें जुदा, गोवा में विपक्ष एकता दूर की कौड़ी
डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा में लोकसभा की सिर्फ दो सीटें हैं, लेकिन वे राज्य के राजनीतिक संदर्भ में अति महत्वपूर्ण हैं। राजनीतिक दलों ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए काफी पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि विपक्षी दल गठबंधन करेंगे या नहीं। गोवा की राजनीति में नई-नई उतरी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का कहना है कि एकता की जरूरत है और आम आदमी पार्टी (आप) का भी कहना है कि विभाजनकारी ताकतों को दूर रखने के साझा लक्ष्य के साथ ईमानदार और प्रगतिशील पार्टियों के साथ गठबंधन जरूरी है।
कांग्रेस भी चाहती है कि समान विचारधारा वाली पार्टियां, जो उसके मुताबिक संविधान और लोकतंत्र का सम्मान करती हों, एकजुट हों। लेकिन गोवा में हवा का रुख अभी स्पष्ट नहीं है। गोवा प्रदेश कांग्रेस समिति (जीपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं कनकोलिम के विधायक यूरी एलेमाओ ने आईएएनएस को कहा कि देश एक अघोषित आपातकाल से गुजर रहा है, जिसमें अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
उन्होंने कहा, सरकार के खिलाफ विरोध की आवाज को दबाया जा रहा है। सरकार की दोषपूर्ण आर्थिक नीतियों के कारण आम आदमी पीड़ित है। नोटबंदी, जीएसटी लागू करने में जल्दबाजी ने देश में हाशिए के लोगों को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा, कांग्रेस का पूरे देश में एक आधार है और मुझे विश्वास है कि हमारे राष्ट्रीय नेता अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ बातचीत शुरू करने के लिए कदम उठाएंगे, जो संविधान और लोकतंत्र का सम्मान करते हैं। पार्टी एक मजबूत गठबंधन बनाए, जो भाजपा का मुकाबला कर सकती हो।
कांग्रेस विधायक ने कहा, लोगों के जनादेश को नकारना और चुपके से सत्ता हथियाने के लिए भाजपा के द्वारा बार-बार किए जा रहे अलोकतांत्रिक कृत्यों ने लोगों को भगवा पार्टी के असली चेहरे का अहसास कराया है। भाजपा इतिहास को बदलना और उसमें हेरफेर करना चाहती है। विविधता में एकता को भारतीय लोकतंत्र का सार बताते हुए एलेमाओ ने कहा, संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास करने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों को एकजुट होने और 2024 में भाजपा को हराने की जरूरत है।
तृणमूल कांग्रेस के गोवा प्रभारी कीर्ति आजाद ने आईएएनएस से कहा कि विपक्ष को एकजुट करके विभाजनकारी ताकतों को खत्म करना जरूरी है। आजाद ने कहा, आपने देखा कि कैसे विपक्ष राष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार के चयन में एकजुट हो गया। विभाजनकारी ताकतों को नीचे लाना काफी आवश्यक है। विपक्षी दलों के बीच एकता बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि यह एकता 2024 के आम चुनावों से पहले एक सकारात्मक कारक हो सकता है। अगर हमें विभाजनकारी ताकतों को रोकना है, तो हमें एक साथ लड़ना होगा।
आजाद ने कहा, नौकरी और स्मार्ट सिटी के वादे लोगों से किए गए, लेकिन 50 फीसदी स्मार्ट सिटी भी नहीं बनी। स्मार्ट सिटी तो भूल जाइए, पीएसयू और सरकारी संस्थान बिक गए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को सोचना होगा कि जब तक विभाजनकारी ताकतों को नहीं रोका जाएगा, तब तक देश बहुत संकट में रहेगा। गोवा के आप अध्यक्ष अमित पालेकर ने कहा कि केंद्र में एक धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील पार्टी लाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, मौजूदा समय में देश की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। विभिन्न राजनीतिक दल हैं और यह एक प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष सरकार स्थापित करने का सही समय है। उन्होंने कहा, राजनीतिक दल दक्षिण में अधिक प्रगतिशील हैं। मुझे लगता है कि गैर-कांग्रेसी और गैर-भाजपा दलों को हाथ मिलाना चाहिए। हम पूरे भारत में विभिन्न राजनीतिक गठबंधनों का हिस्सा बनने जा रहे हैं। हमने समान विचारधारा वाले लोगों के साथ गठबंधन किया है ,जो ईमानदार राजनीति में हैं।
उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि मध्यम वर्ग कैसे बच रहा है। महंगाई उच्चतम स्तर पर है, रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर है और पार्टी (सत्तारुढ़) विभाजनकारी राजनीति में शामिल है। गोवा की राजनीति के बारे में उन्होंने कहा, मुझे ऐसा कोई राजनीतिक दल नहीं दिखता जिसके साथ हम गोवा में गठबंधन कर सकें। उन्होंने कहा, सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने या काला धन वापस लाने में विफल रही है। प्रगतिशील बनने के बजाय, हम पीछे की ओर जा रहे हैं। उन्होंने कहा, हमें यह स्वीकार करने की जरूरत है कि कोई समस्या है। अगर हम इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं तो चीजें कैसे बदलेगी।
आईएएनएस
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Created On :   3 July 2022 5:30 PM IST