मुरैना महापौर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, संघर्ष. शिक्षा और राजनीतिक रसूखदारों के बीच टक्कर
- महापौर महामुकाबला
डिजिटल डेस्क,मुरैना। मध्यप्रदेश में हो रहे महापौर चुनाव में उम्मीदवार एक दूसरे को मात देने के लिए जनता के बीच गली मेहल्लों के मैदान में कूद गए हैं। और अपने अपने जनसंपर्क के सहारे अपने वोटरों को साधने की कोशिश कर रहे है।
कांग्रेस महापौर प्रत्याशी शारदा राजेंद्र सोलंकी शिक्षा में कमजोर होने के कारण जनता के बीच सही तरीके से अपने विचार रखने में असमर्थ नजर आ रही हैं। लेकिन अपने मतदाताओं से हाथ जोड़कर ही , इशारों इशारों में सब कुछ बयान कर जाती हैं। उम्र का पड़ाव ,पूर्व में सांसद रह चुके उनके जेठ बाबूलाल सोलंकी के साथ उनके पति राजेंद्र सोलंकी अनुसूचित जाति कांग्रेस के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। राजनैतिक पारिवारिक पृष्ठभूमि होने से युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कई जगह नाराजगी देखने को मिल रही हैं। जो टिकट वितरण में भी सड़क पर देखने को मिली। युवा कार्यकर्ताओं का मानना है कि एक तरफ कांग्रेस युवाओं पर फोकस करने की बात कहती है , वहीं जब चुनाव लड़ने की बारी आती है तो किसी राजनैतिक रसूखदार को टिकट दे दिया जाता है। कई वार्डों के मतदाताओं का मानना है कि कांग्रेस की अंदरूनी कलह का कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता हैं। सांगठनिक ताकत के तौर पर कांग्रेस महापौर प्रत्याशी के साथ पार्टी संगठन के नेता प्रचार करने के दौरान कम ही नजर आ रहे हैं।
वहीं बीजेपी महापौर प्रत्याशी मीना मुकेश जाटव एक संघर्षशील पहचान के तौर पर देखी जा रही है, जिनकी तारीफ सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कर चुके हैं। गांव सिहौरी से पढ़- लिखकर मुरैना सिंघलबस्ती में बसी मीना का परिवार एक सामान्य परिवार है, जिसने संघर्ष और शिक्षा में ग्रेजुएशन करने के बलबूते पर आंगनवाडी में जॉब पाया , जिससे अपने परिवार का खर्च उठाती। उनके पति मुकेश के साथ पूरा परिवार संघ के साथ जुड़ा, संघ के चलते और संघर्ष की नारी मीना पर बीजेपी ने भरोसा जताया, जिससे जनता के बीच संघर्ष की मिशाल पेश की जा सके। इसी के चलते भाजपा ने मीना को मुरैना से महापौर उम्मीदवार बनाया हैं। पढ़ी लिखी होने के कारण मीना जनता के बीच अपनी, पार्टी और संघ की विकासशील सोच को मतदाताओं के बीच आसानी से रख पा रही हैं। मतदाताओं के साथ पार्टी संगठन का साथ मीना को चुनावी मैदान में मजबूती प्रदान कर रहा हैं। इसके साथ ही शिक्षित होने के साथ मीना को सभी वर्ग के वोटरों का समर्थन मिलते हुए दिखाई दे रहा हैं।
बसपा महापौर प्रत्याशी ममता मौर्य बसपा प्रदेशाध्यक्ष इंजी रमाकांत पिप्पल की धर्मपत्नी के कारण बहुजन समाज के अधिकतर वोटर उनके पक्ष में देखने को मिल रहे हैं। ममता मौर्य के एक कुशल एडवोकेट होने से वकीलों के बीच उनकी काफी पैठ है, शहर भर में हजार से ऊपर वकील है जिनका समर्थन बीएसपी उम्नीदवार को मिलने की उम्मीद हैं। पूर्व में जिला पंचायत उपाध्यक्ष रह चुकी ममता मौर्य की शिक्षित वर्ग के साथ साथ राजनीतिक परिवारों में भी पहिचान हैं। मुरैना शहर में पूर्व में हुए विधानसभा चुनावों में बसपा का ब्राह्मण उम्मीदवार उतारने से ब्राह्मण वोटर का फायदा ममता को मिलने के कयास लगाए जा रहे है। बसपा उम्मीदवार के मैदान में उतरने से मुरैना महापौर चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा हैं। हालांकि वोटरों के विचार चुनावी प्रचार और जातिगत समीकरणों से बनते बिगड़ते रहते है। ये तो मुरैना के मतदाता ही तय करेंगे कि किसे महापौर की गद्दी पर बिठाया जाए। ये आने वाला समय ही बताएंगा।
Created On :   19 Jun 2022 5:02 PM IST