छत्तीसगढ़ में किसान समृद्धि की ओर, ट्रैक्टर खरीदी साढ़े पांच फीसदी बढ़ी

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ में किसान समृद्धि की ओर, ट्रैक्टर खरीदी साढ़े पांच फीसदी बढ़ी
हाईलाइट
  • आर्थिक तौर पर समृद्ध हो रहे हैं छत्तीसगढ़ किसान

डिजिटल डेस्क, रायपुर। किसी भी इलाके के किसान की आर्थिक समृद्धि का बड़ा प्रतीक ट्रैक्टर होता है, छत्तीसगढ़ में भी किसान समृद्ध हो रहा है इसका संकेत और संदेश ट्रैक्टर की खरीदी में हुई बढ़ोतरी दे रहा है। राज्य में बीते साल में ट्रैक्टर खरीदी में लगभग साढ़े पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। बीते तीन साल में 76 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर किसानों ने खरीदे है।
कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है, लोगों के हाथों से रोजगार फिसल गए हैं और आमदनी लगातार घट रही है। अब स्थितियां धीरे-धीरे सुधरने लगी हैं। छत्तीसगढ़ में भी किसानों की स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है और वे आर्थिक तौर पर समृद्धि हो रहे हैं।

सरकारी तौर पर उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि बीते तीन साल में 76 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर किसानों ने खरीदे है। वर्ष 2019 में छत्तीसगढ़ में कृषि कार्य के लिए 25,607 ट्रैक्टर की खरीदी हुई थी मगर कोरोना की दस्तक के चलते वर्ष 2020 में ट्रैक्टर की खरीदी में गिरावट आई थी और यह आंकड़ा 24,590 पर ठहर गया था, मगर अब हालात सुधरे और किसानों को राज्य सरकार की ओर से सुविधाएं मिली तो एक बार फिर किसानों की स्थिति में बदलाव आया है। बीते वर्ष ट्रैक्टरों की खरीदी में 5.46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, इस तरह इस साल 25,932 ट्रैक्टरों की खरीदी हुई है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते है कि कृषि में किसानों की रुचि बढ़ी है, इसी कारण बैंकों की मांग बढ़ी है, समृद्धि बढ़ने के कारण लोग वाहन खरीद रहे हैं, ट्रैक्टर, कार, बाइक आदि वाहनों की बिक्री भी बढ़ी है और इन वाहनों के शो रुम भी तेजी से खुल रहे है, यह सुखद संकेत हैं।

राज्य सरकार की योजनाओं केा लेकर मुख्यमंत्री बघेल का कहना है कि पहला साल चुनाव में बीता, दो साल कोरोना में बीते, समय का उपयोग करते हुए योजनाएं बनाई और अब उनका क्रियान्वयन हो रहा है। मैं सन्तुष्ट हूं कि हमारी योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर हो रहा है। लोग सीधे योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।

राज्य में बेरोजगारी दर भी कम है, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के अनुसार, मई माह में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर मात्र 0.7 प्रतिशत रही, जबकि इसी अवधि में देश में बेरोजगारी दर 7.1 प्रतिशत थी। इससे पहले मार्च, अप्रैल 2022 में भी छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम 0.6 प्रतिशत थी।

कृषि जगत और ग्रामीण रोजगार पर नजर रखने वालों का मानना है कि , किसानों की कर्ज माफी तथा लंबित सिंचाई कर की माफी से हालात बदलने की शुरूआत हुई। इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नयी औद्योगिक नीति, वन तथा कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था, उपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण तथा वैल्यू एडीशन किया गया। इसके चलते ग्रामीणों केा रोजगार के अवसर मिले है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है।

सरकारी आंकड़े बताते है कि राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों के खातों में दो साल में 11 हजार 180 करोड़ से ज्यादा की राशि पहुंचाई गई है, इसी तरह राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से साढ़े तीन लाख किसान लाभान्वित हुए है। इसके अलावा गोधन न्याय योजना से स्व सहायता समूहों को 226 करोड़ और गौठान समितियों को 133 करोड़ का भुगतान किया गया है।बीते तीन साल में किसानो के खातों में 90 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि गई।

गोधन न्याय योजना के तहत गांव-गांव में मवेशियों के डे केयर होम जिन्हें गौठान कहते है, बनाए गए जा रहे है, जो महिलाओं के रोजगार के केंद्र बन गए है। यहां गोबर की भी दो रुपये किलो की दर से खरीदी हो रही है। इसके अलावा गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाया जा रहा है। गोबर के उत्पाद तैयार हो रहे है।

 

सोर्स- आईएएनएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   12 Jun 2022 11:00 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story