यह साल देश के युवाओं के लिए रहेगा चुनौतियों से भरा! कई राज्यों में बढ़ी बेरोजगारी दर, रोजगार देना मोदी सरकार के लिए बनेगी चुनौती?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नए साल का आगाज हो चुका है। इस मौके पर रविवार को देशभर में जश्न का माहौल रहा है। देश के कई हिस्सों में जाकर भी लोग नए साल का लुत्फ उठाए हैं। हालांकि, यह साल लोगों के लिए चुनौतियों से भरा रहने वाला है क्योंकि देश में बेरोजगारी दर में हो रही बढ़ोत्तरी पर रोक लगाना भी जरूरी रहेगी।
ऐसे में देश के युवाओं के सामने रोजगार को लेकर टेंशन रहने वाली है। हाल ही में बेरोजगारी को लेकर आए सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं। जिसमें बताया गया है कि दिसंबर 2022 में भारत की बेरोजगारी दर बढ़कर 8.3 फीसदी हो गई, जो पिछले 16 महीनों में सबसे अधिक है। इस हिसाब से ये आंकड़ें चिंतित करने वाले हैं।
बेरोजगारी बनेगी मुसीबत?
नया साल शुरू तो हो गया लेकिन इसके साथ ही सामने नई मुसीबत से लड़ने के लिए लोगों को तैयार रहना होगा। इस साल सबसे ज्यादा टेंशन वाली बात यह है कि देश के अंदर शहरी बेरोजगारी दर बीते दिसंबर माह में बढ़कर 10.09 फीसदी हो गई है। जबकि उससे पिछले महीने में यह दर 8.96 फीसदी थी।
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 7.55 फीसदी से घटकर 7.44 फीसदी हो गई है। यह बात सीएमआईई के आंकड़ों में सामने आई है। अगर इस आकंड़ों पर ध्यान दे तो यह काफी चिंताजनक है। देश में बढ़ते बेरोजगारी ने युवाओं के सामने मुसीबत खड़ी कर दी है। बहुत से युवा इसी वजह से डिप्रेशन का शिकार भी हो रहे हैं। यह साल रोजगार को लेकर चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।
रोजगार पैदा करना ही चुनौती
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के प्रबंध निदेशक महेश व्यास के हवाले से एबीपी न्यूज ने लिखा है कि इस साल बेरोजगारी दर में वृद्धि हुई है, फिर भी उतनी नहीं है जितनी लग रही है। क्योंकि श्रम भागीदारी में अच्छी वृद्धि हुई है, जो दिसंबर में बढ़कर 40.48% हो गई, यह 12 महीनों में सबसे ज्यादा रही। महेश व्यास ने बताया है कि सबसे अहम बात यह है कि देश के भीतर दिसंबर में रोजगार दर बढ़कर 37.1 फीसदी हो गई है, जो जनवरी 2022 के बाद से सबसे ज्यादा रही है।
अर्थव्यवस्था के जानकार की माने तो साल 2024 में राष्ट्रीय चुनावों से पहले उच्च मुद्रास्फीति को रोकना और जॉब्स-मार्केट में आने वाले लाखों युवाओं के लिए रोजगार सृजित करना मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। मोदी सरकार कैसे जॉब पैदा कर पाएगी ये आने वाले समय में देखना होगा।
हरियाणा का हाल बेहाल
बेरोजगारी की अगर बात करें तो हरियाणा में इसकी दर बढ़कर 37.4 फीसदी हो चुकी है। इसके बाद राजस्थान में 28.5 फीसदी और दिल्ली में 20.8 फीसदी दर्ज की गई है। यह आंकड़ा सीएमआईई के अनुसार ही है। हरियाणा में अन्य राज्यों की अपेक्षा बेरोजगारी के आंकड़ें अधिक होने की वजह से बीजेपी की टेंशन बढ़ गई है। राज्य में सत्तारूढ़ बीजेपी है तथा इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस लिहाज से बेरोजगारी का मुद्दा भी बीजेपी के लिए सिरदर्द बन सकती है। बीजेपी को घेरने के लिए विपक्षी दलों के पास बहुत बड़ा मुद्दा रहेगा। इस वजह से चुनाव से पहले इस कमी को बीजेपी दूर करने के लिए कौन सा उपाय करती है? ये तो वक्त बताएगा।
Created On :   1 Jan 2023 10:59 PM IST