अतिपिछड़ा और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित - सुशील मोदी
- पराजित होना हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को इशारों ही इशारों में अपनी ही पार्टी को आईना दिखाया है।
उन्होंने कहा कि बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर हुए चुनाव में एनडीए को दस सीटों का नुकसान और फिर विधानसभा के बोचहा उपचुनाव में एनडीए उम्मीदवार का 36 हजार मतों के अंतर से पराजित होना हमारे लिए गहन आत्मचिंतन का विषय है। उन्होंने कहा कि एनडीए नेतृत्व इसकी समीक्षा करेगा, ताकि सारी कमियां दूर की जा सकें।
मोदी ने कहा कि बोचहा विधानसभा क्षेत्र की एक-एक पंचायत में एनडीए के विधायकों, मंत्रियों ने जनता से सम्पर्क किया था। पूरी ताकत लगायी गई थी। सरकार ने भी सभी वर्गों के विकास के लिए काम किये और सबका विश्वास जीतने की कोशिश की। इसके बावजूद भी एनडीए के मजबूत जनाधार अतिपिछड़ा वर्ग और सवर्ण समाज के एक वर्ग का वोट खिसक जाना अप्रत्याशित था। उन्होंने कहा कि इसके पीछे क्या नाराजगी थी, इस पर एनडीए अवश्य मंथन करेगा।
मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में एनडीए के घटक दलों ने पूरे तालमेल से एक-दूसरे को जिताने के लिए मेहनत की थी, जिससे हमारा स्ट्राइक रेट अधिकतम था। गठबंधन के खाते में राज्य की 40 में से 39 सीटें आयी थीं, जबकि राजद सभी सीटें हार गया था। भाजपा नेता ने कहा कि बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव और विधानसभा की बोचहा सीट पर उपचुनाव में एनडीए के घटक दलों के बीच 2019 जैसा तालमेल क्यों नहीं रहा, इसकी भी समीक्षा होगी। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अगले संसदीय और विधानसभा चुनाव में अभी इतना वक्त है कि हम सारी कमजोरियों और शिकायतों को दूर कर सकें।
(आईएएनएस)
Created On :   21 April 2022 3:30 PM GMT