राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मुसीबत से उबारने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के नेताओं पर

The responsibility of saving the Congress from trouble in the Rajya Sabha elections rests on the leaders of Chhattisgarh.
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मुसीबत से उबारने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के नेताओं पर
राज्यसभा चुनाव को लेकर खींचतान राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मुसीबत से उबारने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के नेताओं पर

डिजिटल डेस्क, रायपुर। राज्यसभा चुनाव के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया जारी है हरियाणा और राजस्थान के चुनाव ने कांग्रेस के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। कांग्रेस के लिए मुसीबत बने इन दो राज्यों से उबारने की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के नेताओं के कंधों पर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हरियाणा के कांग्रेस विधायकों को संभालने का जिम्मा है तो राजस्थान के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के काम में मंत्री टीएस सिंहदेव लगे हुए हैं।

कांग्रेस हाईकमान द्वारा हरियाणा के पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ से निर्वाचित राज्यसभा सदस्य राजीव शुक्ला को सौंपी गई है। वहीं राजस्थान का पर्यवेक्षक पवन कुमार बंसल के साथ मंत्री टी एस सिंह देव को बनाया गया है।

राज्यसभा चुनाव को लेकर इन दोनों राज्यों की देखी जाए तो दोनों राज्यों की एक-एक सीट कांग्रेस के लिए फंसी हुई है, क्योंकि हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं इनमें से राज्यसभा की एक सीट को जीतने के लिए 31 वोट की जरूरत है और कांग्रेस के पास यहां 31 विधायक भी हैं इसलिए शुरूआती दौर में यह सीट कांग्रेस के लिए आसान नजर आती है मगर कांग्रेस के ही पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा द्वारा निर्दलीय चुनाव लड़ने से पार्टी के सामने चुनौतियां आन खड़ी हुई है। ऐसे में भूपेश बघेल के सामने इस बात की चुनौती है कि सभी विधायकों को एकजुट रखा जाए, यही कारण है कि कांग्रेस के कई विधायकों को छत्तीसगढ़ लाया गया है।

कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो हरियाणा से रायपुर लाए गए विधायकों से पार्टी नेता कई दौर की बातचीत कर चुके है। इतना ही नहीं इन विधायकों की पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी बात कराई गई है। इसके अलावा इन विधायकों से कांग्रेस की रीति नीति को लेकर संवाद किया गया।

वहीं दूसरी ओर राजस्थान की स्थिति पर गौर करते हैं तो यहां चार सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस ने यहां से चुनाव मैदान में तीन उम्मीदवार उतारे हैं, 200 विधानसभा की सीटों वाली राजस्थान में कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं और एक स्थान पर जीत के लिए 41 वोटों की जरूरत है। ऐसे में कांग्रेस के लिए दो स्थानों पर जीत आसान है तो वहीं भाजपा के पास 71 विधायक हैं और वह एक सीट जीत जाएगी, मगर चौथी सीट के लिए दोनों ही दलों के पास जरूरत के वोट नहीं है। इन स्थितियों में छत्तीसगढ़ के मंत्री टी एस सिंहदेव के सामने यह चुनौती है कि वे पार्टी के तीसरे उम्मीदवार को कैसे जताएं।

कांग्रेस के दो नेताओं को राज्यसभा को लेकर सौंपी गई जिम्मेदारी पर प्रदेष कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि राज्य के दो नेताओं को राज्यसभा के चुनाव में पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपना पार्टी हाईकमान का छत्तीसगढ़ के नेताओं के प्रति बढ़ते भरोसे और विष्वास का प्रतीक है।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   9 Jun 2022 8:31 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story