राज्यपाल, सरकार के बीच तनातनी लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं : केरल मंत्री
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल के एक मंत्री ने बुधवार को कहा कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और राज्य सरकार के बीच जारी तनातनी लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। मंत्री ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि वर्तमान गतिरोध जितनी जल्दी समाप्त हो, उतना ही सभी के लिए बेहतर है और यदि यह जारी रहता है, तो यह संविधान को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
हालिया केरल विधानसभा सत्र में 11 विधेयक पारित किए गए और एक विश्वविद्यालय (संशोधन) पर और दूसरा केरल लोकायुक्त से संबंधित है। खान ने तब स्पष्ट रूप से कहा था कि वह लोकायुक्त विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे और अन्य नौ विधेयकों पर एक शर्त रख देंगे कि वह तभी हस्ताक्षर करेंगे जब संबंधित मंत्री उन्हें जानकारी देंगे।
मंत्री ने कहा, संविधान लोकतंत्र की रीढ़ है और इसमें चीजें बहुत स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई हैं और इसका पालन करना सभी का कर्तव्य है। जरा सोचिए कि जब सुप्रीम कोर्ट किसी मामले में अपना अंतिम आदेश देता है, तो वह बाध्यकारी हो जाता है और यदि उसका पालन नहीं किया जाता है, तो जरा सोचिए कि उसके परिणाम क्या होंगे। इसी तरह जब विधायिका किसी विधेयक को पारित करती है, तो राज्यपाल को अपना काम करना होता है। अगर किसी भी तरह से ऐसे क्षेत्र हैं जहां कुछ लोग सोच सकते हैं कि यह सही नहीं है, तो लोग अगली बार मतदान के दौरान अपना रुख साफ करेंगे।
खान यात्रा पर जा रहे हैं और उनके अगले महीने के पहले सप्ताह से पहले वापस नहीं लौटेंगे। सोमवार को खान ने एक पूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जो लगभग दो घंटे चली। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर जमकर हमला बोला। इस बीच, ताजा खबर यह है कि खान ने नौ में से पांच विधेयकों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   21 Sept 2022 11:30 AM IST