यूपी में विकास पर भारी मंदिर सियासत, सपा, कांग्रेस और आप सबको चाहिए राम
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे वैसे जाति और मजहब की राजनीति विकास पर भारी पड़ रही है। उत्तर प्रदेश में सभी विपक्षी दल भाजपा की राह पर चलने को मजबूर हैं। दरअसल कोई भी दल यह नहीं चाहता कि भाजपा उनको हिंदू विरोधी के रंग से रंग दे। इसलिए जो दल अयोध्या जाने से बचते थे, आज वही राम को याद करते हुए अयोध्या जा रहे हैं। सपा, कांग्रेस, बसपा, आप सभी अयोध्या जा कर मंदिर दर्शन कर उत्तर प्रदेश में अपना चुनावी बिगुल फूंकना चाहते हैं। दरअसल 2014 के बाद से देश में राजनीतिक परिस्थिति बिल्कुल बदल गयी हैं। 2014 से हिन्दू आईडेन्टटिटी पॉलिटिक्स के सहारे बीजेपी सभी धुरंधरो को धूल चटाती नजर आ रही है। इसीलिए वो सभी सियासी दल सोचने पर मजबूर हैं जो कि मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करते थे।
पिता की राह पर प्रियंका, 2022 के मिशन की शुरुआत अयोध्या से
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य जो राजनीतिक रुप से सबसे अहम है। उसी उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं तो जाहिर सी बात है कि प्रदेश का सियासी पारा हाई है। कांग्रेस ने भी चुनाव में उतरने के लिए अपनी रणनीतियों पर काम शुरु कर दिया है। कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपनी चुनावी शुरुआत राम के आर्शीवाद से करेगी। दरअसल कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का 27 अगस्त को अयोध्या दौरा है, जहां वह अयोध्या में राम जन्मभूमी के दर्शन करेंगी। प्रियंका गांधी इस तरह से अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तर्ज पर अयोध्या से विधानसभा चुनाव का बिगुल फूकेंगी।
अखिलेश को भी आई राम की याद, बोले परिवार संग जाऊंगा दर्शन करने
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि राम हमारे हैं और परिवार के साथ दर्शन करने जाऊंगा। अखिलेश का यह बयान कई मामलों में बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह वही समाजवादी पार्टी है जिसके उस समय के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने राम भक्तों में पर गोली चलवा दी थी। उसके बाद मुलायम सिंह यादव मुसलमानों के सबसे बड़े चहेते बनकर उभरे और मुस्लिम समुदाय का उनको जमकर प्यार मिला। यहां उनको मुल्ला मुलायम तक बोला जाने लगा। आज उन्हीं मुल्ला मुलायम के बेटे जब "राम हमारे हैं" कहते हैं तो उसके पीछे की उनकी राजनीतिक मजबूरी साफ दिखाई पड़ती है। दरअसल सपा 2012 के बाद से प्रदेश के किसी भी चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पायी है। इसका सबसे बड़ा कारण उसकी हिंदू विरोधी छवि का होना है। जिसका फायदा बीजेपी को मिलता रहा है। अब सपा अपनी इसी छवि को मिटाना चाहती है।
बसपा ने भी बदली रणनीति, अयोध्या से शुरु किया चुनाव प्रचार
दलितों के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के नाम पर बनी बहुजन पार्टी, आज राम का सहारा लेकर सत्ता में आना चाहती है। दलितों की राजनीति करती आ रही बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्षा मायावती भी राम को ध्यान में रखकर रणनीति बना रही हैं। उत्तर प्रदेश के 2012 के विधानसभा चुनाव से बसपा अपने सबसे बुरे राजनीतिक दौर से गुजर रही है। बसपा ने प्रबुद्धजन सम्मेलन की शुरुआत अयोध्या से की थी। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने अयोध्या जाकर रामजन्म भूमि और हनुमान गढ़ी के दर्शन किये थे।
हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद के सहारे चुनाव में उतरेगी आप
आप आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में जनता के सामने केजरीवाल मॉडल को रख रही है। लेकिन योगी आदित्यनाथ के काट के लिए वह हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद को साथ लेकर चलती दिखाई दे रही है। आम आदमी पार्टी अपना चुनाव प्रचार अयोध्या से शुरु करके हिन्दुत्व की धार को मजबूत करेगी और तिरंगा यात्रा के साथ राष्ट्रवाद के मुद्दे को धार देगी। इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया शामिल होंगे। आम आदमी पार्टी हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दे के सहारे बीजेपी को चुनौती देने की कोशिश करेगी।
Created On :   25 Aug 2021 4:51 PM IST