तेलंगाना हाईकोर्ट ने कांग्रेस रणनीतिकार को पुलिस के सामने पेश होने का दिया निर्देश

Telangana High Court directs Congress strategist to appear before police
तेलंगाना हाईकोर्ट ने कांग्रेस रणनीतिकार को पुलिस के सामने पेश होने का दिया निर्देश
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डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। कांग्रेस पार्टी के चुनाव रणनीतिकार सुनील कानूनगोलू को झटका देते हुए तेलंगाना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को उन्हें मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में हैदराबाद पुलिस के सामने पेश होने का निर्देश दिया।

हाईकोर्ट ने साइबर क्राइम पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए जारी किए गए समन को चुनौती देने वाली सुनील की याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन पुलिस को उसे गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दिया। साइबर क्राइम पुलिस ने उन्हें धारा 41 (ए) आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें 30 दिसंबर को अपने स्पष्टीकरण के साथ पेश होने का निर्देश दिया था। हालांकि, सुनील कानूगोलू, जिन्हें तेलंगाना कांग्रेस ने राज्य में 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार रणनीति तैयार करने के लिए नियुक्त किया था, ने उच्च न्यायालय में नोटिस को चुनौती दी।

रणनीतिकार ने समन के निष्पादन पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय से अपील की थी। चूंकि वह 30 दिसंबर को पुलिस के सामने पेश नहीं हुए, इसलिए पुलिस ने एक नया नोटिस जारी कर उन्हें 8 जनवरी को पूछताछ के लिए तलब किया। नोटिस के अनुसार, एक आर. सम्राट की शिकायत पर 24 नवंबर को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 469 और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस द्वारा माधापुर में कांग्रेस पार्टी के वार रूम पर छापा मारने और तीन लोगों को हिरासत में लेने के दो सप्ताह बाद पहला नोटिस जारी किया गया था। छापे के दौरान लैपटॉप, सीपीयू और मोबाइल फोन जब्त किया गया। पुलिस ने कहा कि आरोपी तेलंगाना गैलम और अपन्ना हस्तम के नाम से सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट कर रहे थे।

पुलिस ने 13 दिसंबर को कानूगोलू के कार्यालय, माइंडशेयर यूनाइटेड फाउंडेशन पर छापा मारा था और कानूगोलू के लिए काम करने वाले मेंडा श्री प्रताप, शशांक और त्रिशांक शर्मा को हिरासत में लिया था। पुलिस ने बयान दर्ज करने के बाद तीनों को छोड़ दिया। एक पुलिस अधिकारी ने अगले दिन कहा था कि सुनील को मुख्य अभियुक्त के रूप में शामिल किया जाएगा। पुलिस कार्रवाई ने विपक्षी दल की कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसने लोकतंत्र पर हमला करार दिया। पार्टी ने छापेमारी के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया था।

(आईएएनएस)

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Created On :   3 Jan 2023 4:31 PM IST

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