शिक्षक घोटाला : ईडी के वकील ने कहा- जांच पूरी होने के करीब है
- घोटाले के सिलसिले
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को यहां एक विशेष अदालत को बताया कि पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ की भर्ती में करोड़ों रुपये के घोटाले पर उनकी जांच लगभग पूरी हो चुकी है।
ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने तृणमूल कांग्रेस के निष्कासित नेता शांतनु बंदोपाध्याय की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हम यहां से इंद्रधनुष के आगमन को देख सकते हैं। मैं राज्य के लोगों से कुछ और समय के लिए धैर्य रखने का अनुरोध करूंगा। हम वसंत के करीब हैं। बंदोपाध्याय इस समय घोटाले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में है।
ईडी के वकील ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी का नाम भी घसीटा, जो पिछले साल जुलाई में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही घोटाले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं।
वकील ने तर्क दिया कि यदि इस घोटाले की प्रक्रिया में पार्थ चटर्जी शिक्षक थे, तो शांतनु बंदोपाध्याय इस मामले में एक आदर्श छात्र हैं। उन्होंने पार्थ चटर्जी द्वारा अपनाई गई भ्रष्टाचार की उसी लाइन का पालन किया है। उन्होंने अपराध की आय को डायवर्ट करने के लिए एक कंपनी भी बनाई।
इस प्वाइंट पर वकील ने घोटाले के सिलसिले में हाल ही में गिरफ्तार किए गए निजी रियल एस्टेट प्रमोटर अयान शील का भी जिक्र किया। शील के आवास पर छापेमारी के बाद यह साबित हो गया है कि गड़बड़ी केवल शिक्षा क्षेत्र तक ही सीमित नहीं हैं। इसी तरह की अनियमितताएं कई नगर पालिकाओं की भर्ती में सामने आई हैं। यह एक ऐसी सोने की खान है जिसकी लंबाई कभी खत्म नहीं होती।
प्रत्येक शुष्क ग्रीष्म ऋतु के बाद वसंत का आगमन होता है और उसके बाद मानसून का आगमन होता है। तब इंद्रधनुष की किरणें स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। हम लगभग वसंत के अंत में हैं। इसलिए, मैं सभी से धैर्य रखने का अनुरोध करता हूं। हम लगभग टर्मिनल बिंदु पर पहुंच गए हैं।
उन्होंने दावा किया कि राज्य द्वारा संचालित बिजली वितरण इकाई के एक सामान्य कर्मचारी के रूप में, शांतनु बंदोपाध्याय लगभग 60000 रुपये का वार्षिक वेतन प्राप्त करते थे। हालांकि, जांच के दौरान पता चला कि वह करोड़ों रुपये की संपत्ति के मालिक हैं। उनकी संपत्ति में बहु निवास, फार्म हाउस और डमी कॉपोर्रेट संस्थाएं शामिल हैं। अंत में, अदालत ने शांतनु बंदोपाध्याय को 5 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   24 March 2023 11:30 PM IST