अधिकांश भारतीय चाहते हैं कि बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 29 जून को फेसबुक लाइव पर एक भावुक संबोधन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व कर रहे ठाकरे ने अपने इस्तीफे की घोषणा तब की, जब सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था, जब शिवसेना के मुख्य सचेतक ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्देश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों के एक बड़े वर्ग के विद्रोह ने एमवीए सरकार को पतन के कगार पर ला दिया। शिंदे दावा करते रहे हैं कि उन्हें शिवसेना के करीब 40 विधायकों और कई निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
55 विधायकों वाली शिवसेना ने एमवीए सरकार का नेतृत्व किया। 44 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी और 53 विधायकों वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) एमवीए सरकार की गठबंधन सहयोगी है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्षी भाजपा के 106 विधायक हैं, जिनकी कुल संख्या 288 है।
ऐसी स्थिति में राज्य में सरकार बनाने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया।
सर्वे के दौरान, जहां 61 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि भाजपा को राज्य में नई सरकार बनाने का दावा पेश करना चाहिए, वहीं 39 प्रतिशत ने इस मुद्दे पर पूरी तरह से अलग राय व्यक्त की।
दिलचस्प बात यह है कि सर्वे के दौरान, जबकि एनडीए के अधिकांश मतदाताओं- 80 प्रतिशत ने जोर देकर कहा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा के लिए यह सही समय है, इस मुद्दे पर विपक्षी मतदाताओं की राय विभाजित थी।
सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां 56 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं ने कहा कि भाजपा को सरकार बनाने के लिए पहल नहीं करनी चाहिए, वहीं 44 प्रतिशत ने राज्य में सत्ता में वापसी के लिए भाजपा के पक्ष में बात की।
सर्वे के दौरान, अधिकांश सामाजिक समूहों के उत्तरदाताओं ने भाजपा के सरकार बनाने के दावे के पक्ष में अपने विचार व्यक्त किए। सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, 65 प्रतिशत यूसीएच, 71 प्रतिशत ओबीसी, 67 प्रतिशत एससी और 63 प्रतिशत एसटी उत्तरदाताओं ने भाजपा द्वारा सरकार को पहल करने के पक्ष में बात की। वहीं, बहुसंख्यक मुसलमानों - 70 प्रतिशत ने इस मुद्दे पर पूरी तरह से अलग राय व्यक्त की।
(आईएएनएस)
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Created On :   30 Jun 2022 4:00 PM IST