आदित्य ठाकरे के राजनीतिक भविष्य को लेकर विभाजित हैं भारतीय

Survey says Indians divided over Aaditya Thackerays political future
आदित्य ठाकरे के राजनीतिक भविष्य को लेकर विभाजित हैं भारतीय
सर्वे आदित्य ठाकरे के राजनीतिक भविष्य को लेकर विभाजित हैं भारतीय

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले 10 दिनों की राजनीतिक उथल-पुथल और आश्चर्य से भरे रहे हैं। 21 जून को पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों के एक बड़े वर्ग ने विद्रोह शुरू किया था, जो कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के पतन का कारण बना।

ठाकरे ने 29 जून को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया, जब सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने के महाराष्ट्र के राज्यपाल के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हैरानी तब हुई, जब हर कोई देवेंद्र फडणवीस की महाराष्ट्र के सीएम के रूप में वापसी की उम्मीद कर रहा था, लेकिन उन्होंने खुद ऐलान किया कि शिंदे राज्य में नई सरकार के अगले मुखिया होंगे।

हालांकि फडणवीस ने घोषणा की थी कि वह नई महाराष्ट्र सरकार में कोई पद नहीं लेंगे, लेकिन भाजपा नेतृत्व ने उन्हें शिंदे के डिप्टी के रूप में नई सरकार में शामिल होने के लिए कहा। शिंदे और फडणवीस ने 30 जून की शाम को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली।

महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार की अगली पीढ़ी के भविष्य के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वे किया।

सर्वे के दौरान, महाराष्ट्र के भविष्य के राजनीतिक परि²श्य पर एक जन नेता के रूप में उभरने के लिए उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे की राजनीतिक भविष्य को लेकर भारतीयों की राय विभाजित दिखी।

सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, जहां 49 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि आदित्य ठाकरे में महाराष्ट्र की राजनीति में एक जन नेता के रूप में उभरने की क्षमता है, वहीं 51 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस भावना से सहमत नहीं थे।

सर्वे ने इस मुद्दे पर एनडीए के मतदाताओं और विपक्षी समर्थकों के विचारों में राजनीतिक ध्रुवीकरण को उजागर किया। सर्वे के दौरान, जबकि 61 प्रतिशत विपक्षी मतदाताओं ने कहा कि आदित्य अपने दादा बालासाहेब ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ाने और राज्य की राजनीति में लोकप्रिय नेता के रूप में उभरने में सक्षम होंगे, वहीं एनडीए के 68 प्रतिशत मतदाताओं ने उनकी राजनीति को लेकर पूरी तरह से अलग राय व्यक्त की।

सर्वे में महाराष्ट्र की राजनीति में आदित्य ठाकरे के भविष्य को लेकर विभिन्न सामाजिक समूहों की राय में अंतर सामने आया। सर्वे के दौरान, अधिकांश अनुसूचित जाति (एससी)- 66 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी)- 69 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि आदित्य ठाकरे भविष्य में जन नेता के रूप में उभरेंगे, वहीं अधिकांश अन्य पिछड़ा वर्ग 60 प्रतिशत और उच्च जाति हिंदुओं (यूसीएच) के अनुपात- 59 प्रतिशत ने उनके बारे में भावना साझा नहीं की।

सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक इस मुद्दे पर मुसलमानों की राय बंटी हुई थी। सर्वे के दौरान, जहां 55 प्रतिशत मुसलमानों ने आदित्य ठाकरे की महाराष्ट्र में जन नेता के रूप में उभरने की क्षमता में विश्वास व्यक्त किया, वहीं समुदाय के 45 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने पूरी तरह से अलग विचार व्यक्त किए।

 (आईएएनएस)

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Created On :   1 July 2022 2:00 PM IST

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