सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाइकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, ईपीएस अन्नाद्रमुक के महासचिव बने रहेंगे

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाइकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, ईपीएस अन्नाद्रमुक के महासचिव बने रहेंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अन्नाद्रमुक के नेतृत्व को लेकर लंबे समय से चले आ रहे विवाद में पार्टी के प्रतिद्वंद्वी नेता ओ. पनीरसेल्वम (ओपीएस) को बड़ा झटका लगा है। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी (ईपीएस) पार्टी के अंतरिम महासचिव बने रहेंगे।

जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि उसने 2 सितंबर, 2022 को पारित मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को बरकरार रखा है और अपने पहले के अंतरिम आदेश को स्थायी कर दिया है। शीर्ष अदालत ने पन्नीरसेल्वम की चुनौती को खारिज कर दिया और पलानीस्वामी को पार्टी के अंतरिम महासचिव के रूप में कार्य जारी रखने की अनुमति दी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने ठीक ही कहा है कि एक सामान्य नियम के रूप में यह निर्धारित नहीं किया जा सकता कि बैठक नहीं बुलाए जाने पर मांगकर्ताओं के पास केवल अदालत जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

पीठ ने अपने 80 पन्नों के फैसले में यह भी कहा गया है कि 2017 में जब अंतरिम महासचिव कार्य नहीं कर सके, तो पदाधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और मांग के आधार पर बैठक बुलाई। पूर्व में महासचिव के पद पर कार्यरत समन्वयक और संयुक्त समन्वयक को उनकी संयुक्तता में अधिकार सौंपा गया था और यह संदेह की छाया से परे है कि समन्वयक और संयुक्त समन्वयक संयुक्त संयुक्त रूप से कार्य नहीं कर सकते, यह उस स्थिति के समान है, जब सर्वोच्च पद धारक कार्य करने की स्थिति में नहीं होता।

पीठ की ओर से फैसला लिखने वाले न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने कहा : जाहिर है, एक व्यावहारिक समाधान खोजा जाना था और जब समाधान पाया गया और लागू किया गया, तो अन्यथा उपनियमों की भावना के साथ-साथ कामकाज के मानदंडों को भी ठेस नहीं लगती। किसी एसोसिएशन या किसी पार्टी के मामले में यह नहीं कहा जा सकता है कि 11 जुलाई 2022 को होने वाली जनरल काउंसिल की बैठक के लिए प्रेसीडियम के अध्यक्ष की घोषणा और पार्टी मुख्यालय में पदाधिकारियों द्वारा फॉलो-अप नोटिस पूरी तरह से अनधिकृत था।

शीर्ष अदालत ने अपने 6 जुलाई, 2022 के अंतरिम आदेश को भी पूर्ण कर दिया, जिसने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसने पार्टी के एकल नेतृत्व के संबंध में अन्नाद्रमुक की आम परिषद की बैठक और कार्यकारी परिषदों में प्रस्तावों को पारित करने पर रोक लगा दी थी।

पीठ ने कहा, मौजूदा मामले में जब जनरल काउंसिल को पार्टी की सर्वोच्च संस्था के रूप में दिखाया गया है, तो जनरल काउंसिल की बैठक के लिए किसी भी अपवाद को न तो स्वीकार किया जा सकता था और न ही अस्थायी निषेधाज्ञा के माध्यम से हस्तक्षेप किया जा सकता था।

शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने पक्ष के समक्ष प्रस्तावों के मामले को नहीं निपटाया है जो एकल न्यायाधीश की पीठ द्वारा सुने जा रहे थे। पीठ ने कहा, हमने इन मामलों में पेश किए गए किसी भी आवेदन का निपटारा आवश्यक नहीं पाया है और हम ऐसे सभी आवेदकों के लिए यह खुला छोड़ देंगे कि वे कानूनी शिकायत के मामले में कानून के अनुसार उचित उपाय का सहारा लें। उन्हें उचित फोरम में राहत मांगने का अधिकार है।

 

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   23 Feb 2023 11:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story