स्टालिन सरकार शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर लेगी कानूनी राय

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोमवार को कहा कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर अगली कार्रवाई का फैसला करने से पहले कानूनी राय लेंगे।
तमिलनाडु में द्रमुक सरकार को झटका देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता को बरकरार रखा, जो सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) के गरीब से गरीब को भी 10 प्रतिशत आरक्षण के दायरे से बाहर रखा गया है।
सामाजिक न्याय के लिए सदियों पुरानी लड़ाई के लिए एसे एक झटका बताते हुए स्टालिन ने तमिलनाडु के राजनीतिक दलों और अन्य संगठनों से सामाजिक न्याय के लिए हाथ मिलाने का आग्रह किया। द्रमुक सरकार ने सरकारी नौकरियों के लिए ईडब्ल्यूएस कोटा लागू नहीं करने का फैसला किया था।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   7 Nov 2022 5:00 PM IST