मुकुल रॉय को विधायक पद पर बने रहने देने के स्पीकर के फैसले को चुनौती दी जाएगी
- रॉय 2021 के विधानसभा चुनावों में कृष्णानगर (उत्तर) से भाजपा विधायक के रूप में चुने गए
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के मुकुल रॉय को भाजपा विधायक के रूप में बने रहने की अनुमति देने के फैसले को अंत तक चुनौती दी जाएगी। उनके अनुसार, पिछले साल पहली बार विधानसभा के सदस्य के रूप में रॉय की अयोग्यता के लिए स्पीकर द्वारा उनकी याचिका को खारिज करने के बाद, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने मामले को कलकत्ता उच्च न्यायालय में भेज दिया।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने भी देखा कि एक विधायक के रूप में रॉय की अयोग्यता की याचिका उचित है। हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने उस कुर्सी को सम्मानित करने के लिए मामले को वापस अध्यक्ष के पास भेज दिया। अध्यक्ष की भूमिका निभाने के बजाय, उन्होंने तृणमूल के रूप में काम किया। कांग्रेस प्रतिनिधि ने बुधवार को रॉय की अयोग्यता को खारिज कर दिया। इसलिए, मेरे लिए कलकत्ता हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खुले हैं। स्पीकर का फैसला दुनिया का आठवां अजूबा है।
बता दें कि रॉय 2021 के विधानसभा चुनावों में कृष्णानगर (उत्तर) से भाजपा विधायक के रूप में चुने गए। हालांकि, परिणाम घोषित होने के कुछ दिनों बाद, रॉय 11 जून, 2021 को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय गए और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और अन्य नेताओं की उपस्थिति में अपनी पुरानी पार्टी में फिर से शामिल हो गए। इसके तुरंत बाद, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अध्यक्ष से राय को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की अपील की।
तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव प्रवक्ता कुणाल घोष ने 11 जून, 2021 को रॉय के तृणमूल कांग्रेस कार्यालय के दौरे का जिक्र किया और कहा कि आमतौर पर तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पार्टी के पूर्व और पुराने नेताओं के प्रति विनम्र होता है।
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Created On :   9 Jun 2022 5:30 PM IST