सपा एमएलसी पम्पी जैन पर आईटी विभाग ने लगाया टैक्स चोरी का आरोप

SP MLC Pumpi Jain accused of tax evasion by IT department
सपा एमएलसी पम्पी जैन पर आईटी विभाग ने लगाया टैक्स चोरी का आरोप
उत्तर प्रदेश सपा एमएलसी पम्पी जैन पर आईटी विभाग ने लगाया टैक्स चोरी का आरोप

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि उन्होंने पाया है कि पुष्पराज पम्पी जैन परफ्यूम की बिक्री, स्टॉक में हेरफेर, कर योग्य इकाई से मुनाफे को स्थानांतरित करने के लिए खातों की हेराफेरी करके कर चोरी में शामिल है। उन्होंने एक अन्य इत्र व्यवसायी पर भी यही अपराध करने का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी के एमएलसी पुष्पराज पम्पी जैन पर 10 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी करने का आरोप लगा है। उन्होंने कथित तौर पर 45 करोड़ रुपये की आय की घोषणा नहीं की, जो आईटी टीम को जांच में मिली थी।

आईटी अधिकारियों ने 31 दिसंबर को जैन और अन्य के परिसरों में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था। अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और गुजरात राज्यों में करीब 40 परिसरों को कवर किया गया। जैन के मामले में आईटी टीम ने पाया कि उनकी कंपनी परफ्यूम की बिक्री, स्टॉक हेरफेर, कर योग्य इकाई से कर छूट इकाई में मुनाफे को स्थानांतरित करने के लिए खाते की किताबों में हेराफेरी, व्यय की मुद्रास्फीति को कम करके कर चोरी में शामिल है।

आईटी ने एक बयान में कहा, बिक्री कार्यालय और मुख्य कार्यालय में मिले साक्ष्यों से पता चला है कि समूह अपनी खुदरा बिक्री का 35 से 40 फीसदी कच्चा बिलों से नकद में तब्दील करता है और इन नकद प्राप्तियों को खाते की नियमित किताबों में दर्ज नहीं किया जाता है, जो करोड़ों रुपये में चल रहा है।

आईटी अधिकारी ने कहा, फर्जी पार्टियों से करीब 5 करोड़ रुपये की खरीदारी की बुकिंग के सबूत भी मिले हैं। उन्होंने कहा कि आपत्तिजनक सबूतों के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि इस तरह से उत्पन्न बेहिसाब आय को मुंबई में विभिन्न रियल एस्टेट परियोजनाओं और भारत और संयुक्त अरब अमीरात दोनों में संपत्ति के अधिग्रहण में निवेश किया गया है।

आईटी टीमों ने यह भी पता लगाया है कि समूह ने स्टॉक-इन-ट्रेड को पूंजी में बदलने पर 10 करोड़ रुपये के कर की चोरी की है क्योंकि संबंधित आय घोषित नहीं की गई है। अधिकारी ने कहा कि पम्पी ने सेवानिवृत्त साझेदारों को दिए जाने वाले लाभों पर 45 करोड़ रुपये की आय की भी घोषणा नहीं की है। अधिकारी ने कहा, सबूत भी मिले हैं और जब्त किए गए हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि समूह के प्रमोटरों ने कुछ अपतटीय संस्थाओं को शामिल किया है। हालांकि, ऐसी अपतटीय संस्थाओं को उनके संबंधित आयकर रिटर्न में सूचित नहीं किया गया है।

तलाशी के दौरान बरामद साक्ष्य से पता चला है कि फर्जी संस्थाएं चलाई जाती हैं। अधिकारी ने कहा कि ऐसी दो फर्जी संस्थाओं को भी संयुक्त अरब अमीरात में एक-एक विला के मालिक होने का पता चला है। यह भी पता चला है कि संयुक्त अरब अमीरात से समूह की अपतटीय संस्थाओं में से एक ने समूह की एक भारतीय इकाई में अत्यधिक प्रीमियम पर 16 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध शेयर पूंजी पेश की है।

(आईएएनएस)

Created On :   6 Jan 2022 12:00 AM IST

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